जानें गंगा एक्सप्रेस वे के फायदे, रोजगार, काराेबार के साथ होगा औद्योगिक विकास
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बरेली. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस वे पर लोगों का सफर तो आसान होगा ही, कटरी क्षेत्र में यह तमाम उम्मीदें लेकर आएगा। इसका निर्माण होने के साथ सिर्फ जलालाबाद, तिलहर या सदर तहसील ही नहीं आसपास के क्षेत्रों व जिलों में भी विकास रफ्तार पकड़ेगा। अब तक जिले का सबसे पिछड़ा माना जाने वाला क्षेत्र एक्सप्रेस वे व हवाई पटटी बनने के बाद देश के मानचित्र पर आ जाएगा।
यहां औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार व व्यापार के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी तमाम संभावनाएं बनेंगी। जिले की तीन तहसीलों के जिन गांवों से यह एक्सप्रेस वे होकर गुजर रहा है, वे बदायूं या फर्रुखाबाद के ज्यादा नजदीक हैं, लेकिन विकसित नहीं हैं। वर्तमान समय में बात करें तो जिले में लखनऊ दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग, लखनऊ पलिया राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा कटरा-जलालााबाद, जलालाबाद से बीसलपुर, शाहजहांपुर से पीलीभीत राजमार्ग है। अब एक्सप्रेस वे होने से विकास में गति आएगी।
उम्मीद हटेगा पिछड़़ेपन का दाग
लखनऊ दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे तिलहर नगर है, लेकिन इसमें शामिल जैतीपुर, गढ़िया रंगीन आदि क्षेत्र अब भी पिछड़े हैं। बरेली व बदायूं सीमा पर बसे इन क्षेत्रों के गांवों में अब भी तमाम बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। तहसील के घसाकल्याणपुर ,खिरिया रतन ,धारमघसा, खमरिया, रामपुर कला एक्सप्रेस में आ रहे हैं, जिनसे गढ़िया रंगीन व जैतीपुर के आर्थिक व सामाजिक विकास में गति मिलेगी। गढ़िया रंगीन जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर है। इस क्षेत्र में कोई उद्योग नहीं है। रोजगार के लिए यहां के लोगों को दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है। एक्सप्रेस वे नजदीक होने से यहां फैक्ट्री के साथ-साथ नए शिक्षण संस्थान भी खुल सकते हैं।
एक्सप्रेस वे बनने से व्यापारी वर्ग काफी उत्साहित है। सही पहुंच मार्ग न होने के कारण माल ढुलाई महंगी पड़ती थी। उम्मीद है कि अब माल मंगवाना सस्ता होगा। संजीव गुप्ता, व्यापारी
प्रयागराज व मेरठ जाना आसान हो जाएगा। दूसरे शहरों की जरूरत को समझ सकेंगे। उनके साथ अनाज व सब्जी के व्यापार को बढ़ाएंगे। इससे काफी मदद मिलेगी। हरिओम गुप्ता, व्यापारी
इन जिलों काे होगा सीधा लाभ
जलालाबाद व कलान क्षेत्र में कोई ऐसा उद्योग नहीं है, जिसके जरिए लोगों को रोजगार मिल सके। ऐसे में युवा पलायन को मजबूर हैं। सड़कें बेहतर हुई हैं, लेकिन अब भी लोग बदायूं व बरेली तक ही सीमित हैं। गंगा एक्सप्रेस वे बनने से जलालाबाद के साथ-साथ कलान तहसील क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। प्रयागराज या मेरठ के रास्ते दिल्ली जाने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। बदायूं, एटा व फर्रुखाबाद से सटा होने के कारण यह क्षेत्र उद्यमियों की पसंद बन सकता है। यहां पर उद्योगों के अनुकूल जमीन भी है। कलान से दिल्ली 280 किमी. दूर है। शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, कानपुर, फर्रुखाबाद आदि रूट की बसें व अन्य भारी वाहन क्षेत्र से होकर जाते हैं, जिस कारण कारण यातातात का दबाव रहता है। एक्सप्रेस वे बन जाने से इससे भी राहत मिलेगी।
कलान सिर्फ जिला ही नहीं प्रदेश की सबसे पिछड़ी तहसील है। सरकार को चाहिए कि एक्सप्रेस वे बनने के बाद यहां काेई बड़ा उद्यम लगवाए। जिससे बेरोजगारी दूर हो। पप्पू गुप्ता, व्यापारी
क्षेत्र के किसानों के पास उपज बेचने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं। एक्सप्रेस वे बनने से यहां के व्यापारियों को भी दूसरे शहरों के बाजारों तक पहुंचना आसान होगा। रानू गुप्ता, व्यापारी
लाइफ लाइन साबित होगा गंगा हाइवे
भले ही एक्सप्रेस वे जलालाबाद से गुजर रहा हो, लेकिन मिर्जापुर के लिए यह लाइफ लाइन साबित होगा। बात किसानों की हो या व्यापारियों की सभी वर्गों को लाभ तय है। मेरठ में जिंक व अन्य पोषक तत्वों की तमाम फैक्ट्रियां हैं। क्षेत्र के व्यापारियों को वहां से माल मंगवाना सस्ता होगा। इसी तरह पम्पसेट, डीजल इंजन व अन्य मशीनरी का सामान भी सस्ती ढुलाई पर मंगवाया जा सकेगा। क्षेत्र में कुम्हेड़ा व अन्य पालेज की फसल बड़े पैमाने पर होती है। इसे कानपुर व अन्य मंडियों तक किसान पहुंचाकर उचित दाम पा सकेंगे।
हमारा मशीनरी का व्यापार है। एक्सप्रेस वे बनने के बाद मेरठ से इंजन व अन्य यंत्र मंगवाने में भाड़ा आधा खर्च होगा, जिससे किसानों को भी फायदा होगा। वीरेश चंद्र शर्मा, मशीनरी व्यापारी
अभी प्रयागराज में जाने में छह से सात घंटे का समय लगता है। गंगा एक्सप्रेस वे बन जाने से समय आधा लगेगा। हाईकोर्ट में मुकदमों की पैरवी कर शाम में वापस आ सकेंगे। करुणा शंकर वाजपेयी, अधिवक्ता