किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी क्यों नहीं खोला जा रहा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे? जानें वजह...
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजियाबाद. तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही पिछले डेढ़ साल से जारी किसान आंदोलन अब खत्म हो चुका है. इस आंदोलन में शामिल लगभग सभी किसान अब अपने घर लौट चुके हैं. हालांकि इसके बावजदू दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे अब तक पूरी तरह नहीं खुल पाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी एक वजह भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि वह दिल्ली पुलिस द्वारा गाजीपुर सीमा पर बैरिकेड्स हटाने के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) के एक हिस्से को खोलने के लिए तैयार हैं. हालांकि, पुलिस ने साफ किया है कि जब सारे किसान एक्सप्रेसवे को खाली कर देंगे तभी वे इन बैरिकेड्स को हटाएंगे.
दरअसल यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर किसान तो घर लौट चुके हैं, लेकिन उनमें से कुछ अब भी एनएच-9 पर डीएमई फ्लाईओवर के नीचे तंबू डाले हुए हैं. उनका कहना है कि वे 15 दिसंबर को राकेश टिकैत के साथ ही इस हाइवे को खाली करेंगे.
पंजाब-हरियाणा की यात्रा पर हैं राकेश टिकैत
पिछले एक साल से इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे टिकैत ने पहले घोषणा की थी कि वह 14 दिसंबर को यूपी गेट पर वापस आएंगे और अगले दिन बाकी सभी किसानों के साथ अपने गांव के लिए रवाना हो जाएंगे. वह किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले तमाम लोगों को ‘धन्यवाद’ करने के लिए फिलहाल पंजाब और हरियाणा के दौरे पर हैं.
किसान आंदोलन से एक्सप्रेसवे को नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे यानी एनएच-9 पर स्थित यूपी गेट के पास मुख्य स्टेज और ज्यादातर तंबू हटाए जाने के बाद एनएचएआई की एक टीम ने हाईवे के इस हिस्से का निरीक्षण किया और पाया कि रोड को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. एनएचएआई के कर्मचारियों ने अर्थमूवर्स की मदद से वहां जमा हुए कंक्रीट के मलबे को भी साफ कर दिया है.
हालांकि एनएचएआई अभी डीएमई फ्लाईओवर के नीचे के हिस्से की जांच नहीं कर सकी, क्योंकि वह कुछ टेंट्स अब भी मौजूद हैं. अखबार के मुताबिक, एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा, ‘एक्सप्रेसवे के ठीक बीच में स्थापित टेंट रविवार शाम तक हटा दिए गए थे. वास्तव में, ज्यादातर टेंट्स हटाए जा चुके हैं. इससे हम सोमवार को एक्सप्रेसवे का निरीक्षण कर पाए. हमने पाया कि डीएमई के उस हिस्से को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, जहां टेंट लगाए गए थे. दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेड्स हटाने के अगले दिन हम इसे यातायात के लिए खोल सकते हैं.’