वाराणसी में कुत्तों की नसबंदी में अनियमितता की जांच शुरू, पशु कल्याण विभाग कर रहे पड़ताल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी शहर में निराश्रित कुत्तों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। एक तो कोरोना संक्रमण काल में नसबंदी का कार्य नहीं होना बताया जा रहा है तो दूसरे नगर निगम ने जिस संस्था को नसबंदी का काम दिया है वह ठीक तरीके से नहीं कर रहा है। ऐसे ही आरोपों को नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने नगर निगम के पशु कल्याण विभाग को मामले की जांच का आदेश दिया है। दो से तीन दिन में रिपोर्ट आने की संभावना है। यदि आरोपों के सापेक्ष संस्था का दोष सिद्ध होता है तो कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
कोरोना संक्रमण काल थमने के बाद इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम प्रशासन ने वाराणसी की संस्था मानव गौरव निर्माण को नसबंदी की जिम्मेदारी सौंपी। इसके लिए संस्था को निविदा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। संस्था ने नसबंदी का जो प्रारूप बनाया है उस हिसाब से कुत्तों को गलियों व सड़कों को उठाकर ले जाते हैं। नसबंदी कर वहीं पर दोबारा छोड़ते हैं। संस्था के इस कार्य पर कई संस्थाओं के साथ ही आमजन ने भी आवाज उठाई हे।
पार्षदों ने भी शिकायत दर्ज कराई है। कहना है कि संस्था जिस स्थान पर नसबंदी करती है वहां पर समुचित व्यवस्था नहीं है। न तो उसके पास उपयुक्त संसाधन हैं और न ही योग्य चिकित्सक। बिना प्रशिक्षण के कुछ लोग कुत्तों की नसबंदी कर रहे हैं। इससे श्वान जीव की जान पर बन आती है। आरोपों में यह भी संलग्न किया गया है कि नसबंदी में भी धांधली हो रही है। सिर्फ मेल कुत्तों की ही नसबंदी हो रही है। इससे उनकी संख्या नियंत्रण की दिशा में खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
35 हजार से अधिक कुत्ते
शहर में कुत्तों की संख्या के लिए कोई अधिकृत जानकारी तो अब तक नगर निगम ने उपलब्ध नहीं कराई है लेकिन अनुमान के मुताबिक करीब 35 हजार कुत्ते शहर की सड़कों व गलियों में रहते हैं। हालांकि, पशुकल्याण विभाग प्रभारी व अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान कुत्तों की संख्या जानने के लिए इलाकेवार नगर निगम कर्मियों को लगाया था लेकिन उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। जीओ टैगिंग का दावा भी किया था जो अब तक हकीकत नहीं हो सकी।
नगर निगम प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया है
नगर निगम प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया है। दो से तीन दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी जिस आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।-प्रणय सिंह, नगर आयुक्त वाराणसी