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गाजीपुर में एक विद्यालय जहां कागज पर पढ़ाई, कागज पर ही भोजन - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में एक ऐसा भी विद्यालय है जहा सिर्फ कागज पर पढ़ाई और कागज पर ही भोजन। यह हाल है मरदह ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय चवर का। शुक्रवार को विद्यालय में एक भी बच्चे नहीं थे और दोनों महिला अध्यापक बैठ कर आपस में बात कर रही थीं। वहीं रसोइया बर्तन लेकर खटर-पटर कर रही थी। पूरा परिसर सूना था। इस विद्यालय पर सरकर लगभग डेढ़ लाख रुपये महीना खर्च कर रही है, लेकिन बच्चे एक भी पढ़ नहीं रहे हैं।

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश कर रही सरकार के प्रयासों को इन विद्यालयों में तैनात शिक्षक पलीता लगाने से बाज नही आ रहे हैं। मरदह ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय चवर पर मीडिया टीम दिन में 12 बजे के लगभग पहुंचने पर विद्यालय में एक भी बच्चे उपस्थित नहीं मिले। 

प्रधानाध्यापक बिदु सिंह सहित वहां पर तैनात एक सहायक अध्यापक एवं एक रसोइया उपस्थित थीं। उपस्थित बच्चों की संख्या शून्य होने के बाबत प्रधानाध्यापक ने बताया की कुल 40 बच्चों का नामांकन है, बच्चे घर भोजन करने गए हैं। जो बच्चे भोजन करने गए हैं, उन बच्चों के बस्ते कहां है? यह पूछने पर वह कुछ नहीं बता सकीं। 

रसोइया से मध्यान्हन भोजन के बारे में पूछने पर वह एक किग्रा के कूकर में बने चावल एवं छोटे से लोटे में रखी सब्जी को दिखाया। इन छोटे बर्तनों में बना मध्याह्नन भोजन विद्यालय में बच्चो की शून्य उपस्थित की कहानी कह रहे थे। मीनू की अनुसार शुक्रवार का विद्यालयों में खिचड़ी बननी थी, लेकिन जब बच्चे ही नहीं हैं तो क्या बनाना। इस विद्यालय में केवल कागज में ही पढ़ाई एवं कागज में ही मध्याह्नन भोजन बन रहा है।

बोले ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि रोज का यही हाल है। बच्चों की शून्य उपस्थित एवं विद्यालय की दु‌र्व्यवस्था को लेकर दो साल पूर्व यहां तैनात अध्यापकों का वेतन बाधित करने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोई सुधार नहीं हो सका। लाखों रुपये प्रतिमाह खर्च करने के बाद भी व्याप्त दु‌र्व्यवस्था की जांच भी संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कभी नहीं की जाती है। शिक्षकों की पठन-पाठन में कोई रुचि नहीं रहती, जिससे कोई अपने बच्चों को उनके पास भेजना नहीं चाहता।

विद्यालय में एक भी बच्चे नहीं रहना बहुत खराब स्थिति है। उच्च प्राथमिक विद्यालय चवर की जांच कराई जाएगी, ऐसे अध्यापकों को छोड़ा नहीं जाएगा जो काम नहीं करना चाहते और विभाग की छवि खराब करते हैं।-हेमंत राव, बीएसए।

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