क्या आदित्य की दुल्हन बन पाएगी मालिनी? तलाक के बाद इमली ने लिया ये फैसला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. टीवी शो इमली में इन दिनों बहुत उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. आदित्य से बिछड़ने के बाद इमली पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. वह आदित्य को याद कर खूब रो रही है. आर्यन, इमली से ऑफिस चलने के लिए कहता है. इमली और वक्त मांगती है. इस पर आर्यन कहता है कि मैं तुम्हें हाफ डे का ऑफ दे रहा हूं. जब कोई साथ नहीं होता है तो उस वक्त सिर्फ अपना लक्ष्य साथ देता है. अपने लक्ष्म को कभी मत भूलना. आदित्य अपने मन में कहता है कि तुम्हारी वजह से दो लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है आदित्य त्रिपाठी. एक दिन मेरी फैमिली और इमली के आंसू का दोगुना हिसाब देना होगा.
मालिनी ने उड़ाया इमली का मजाक
दूसरी तरफ आदित्य ने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया है. घरवाले उसे दरवाजा खोलने के लिए कहते हैं. आदित्य कहता है कि मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी है. इस दौरान इमली को अपने पुराने दिनों को याद करती है जब वह आदित्य के घर पहुंची थी. वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ने का फैसला करती है तभी वहां पर मालिनी पहुंचती है और कहती है, मां ने तुम्हारे लिए ये दीया जलाकर रखा था. इस उम्मीद में कि ये दीया तुम्हारी जिंदगी में उजाला रखेगा. लेकिन अब तो तुम्हारी जिंदगी में उजाले का कोई स्कोप ही नहीं दिख रहा है. वह दीया को बुझाने की कोशिश करती है, लेकिन अपने हाथ से दीया को ढक लेती है. इस पर मालिनी कहती है कि कब तक इस दीये को बचाओगी. एक न एक दिन इसे तो बुझ ही जाना है.
इमली को आदित्य से दूर कर बहुत खुश है मालिनी
इमली , मालिनी से कहती है, जलना-बुझना तो सीता मइया के हाथों में है. अगर वह चाहे तो एक फूंक से 100 वाट का बल्ब भी बुझा सकती है और एक तेज आंधी से दीये जला भी सकती है. रही बात इस दीये कि तो ये सिर्फ दीया नहीं है ये मां का आशीर्वाद है. मैंने इस घर में 365 दिन गुजारे है. भले ही मैं इस घर से जा रही हूं लेकिन ये दीया हमेशा मेरी जिंदगी में रोशनी करेगा. इमली दीया लेकर जाने लगती है तो मालिनी कहती है, बड़े घर के नौकर जब जाते है तो उन्हें कुछ न कुछ दिया जाता है. तुम अगर ये दीया लेकर जाना जाती हो तो जाओ और क्योंकि तुम मेरी छोटी बहन हो अगर और दीये चाहिए हो तो बता देना कि तुम किस फुटपाथ पर सो रही हो मैं भिजवा दूंगी.
इमली ने मालिनी को जमकर सुनाई खरी-खोटी
इमली, मालिनी से कहती है, ठीक है फिर आप भी बता देना कि आपको खैरात में कौन सी खुशी चाहिए. भीख में अपना सुहाग तो दे ही चुकी हूं. तो मैं किसी भी चीज से इनकार नहीं करूंगी. मांगने में शर्म मत करना. मैं आपको इस घर में रहने दी. मैं ये घर छोड़कर चली गई. अगर मैं छोड़ती नहीं तो आप कैसे यहां रहती. मैंने खैरात में आपको सबकुछ दिया है. आप गिफ्ट समझकर रख लेना. मालिनी कहती है, अब क्या दोगी तुम मुझे. तुम्हारे पास बचा ही क्या है. इस पर इमली कहती है, आशीर्वाद बचा है. अपने पति को बचाकर रखिएगा. क्योंकि शहर में कई औरतें चोर जैसी होती है. ख्याल रखिए. बाकी शादी के लिए बधाई.
आदित्य ने खाई अपनी मां की कसम
आदित्य अपनी मां से कहता है, मुझे अहसास है कि मैं अपना सबकुछ खो चुका हूं. मैं अपनी पत्नी को खो चुका हूं. मैं आपको कैसे यकीन दिलाऊं कि अब आप ऐसी उम्मीद न लगाए कि इमली इस घर में वापस आएगी. मैं आपके सिर की कसम खाकर कहता हूं कि मुझे इमली से कोई रिश्ता नहीं रखना है. आज नहीं कल नहीं किसी भी जन्म में ही. तो आज के बाद कोई भी इमली की बात नहीं करेगा. आदित्य की बात सुनकर उनकी मां भड़क जाती है. वह कहती है, तू होता कौन है घर के फैसले लेने वाला. जिद में आकर तूने मेरी कसम खाई है न, तो मैं तेरे सिर की कसम खाती हूं कि इमली इस घर की बच्ची है और हमेशा रहेगी. इमली के बारे में इस घर में बात भी होगी और परवाह होगी. चाहे तू उससे रिश्ता रखे या ना रखे.
मालिनी के साथ जल्द सात फेरे लेगा आदित्य
मालिनी, आदित्य से कहती है, आदित्य मैं जानती हूं कि मुझसे शादी करने का डिसीजन कितना टफ रहा होगा. क्योंकि आप अभी भी इमली से प्यार करते हैं. हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. अभी आपको मूव ऑन करने में वक्त लगेगा. तो आप अपना वक्त लीजिए. मुझे शादी की कोई जल्दी नहीं है. मैं इंतजार करूंगी. आर्यन और इमली की शादी के बाद हम अपने बारे में सोच सकते हैं. आदित्य कहता है, हमें उनका इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है. हम जल्द से जल्द शादी करेंगे.