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बड़ी खबर! महंगाई भत्‍ते के कैलकुलेशन का बदल गया फॉर्मूला! जानिए अब कितनी आएगी सैलरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन को लेकर बदलाव किया गया है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्‍ते की कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया है.

महंगाई भत्ते के आधार वर्ष 2016 में बदलाव किया गया है. मंत्रालय ने मजदूरी दर सूचकांक की एक नई सीरीज जारी की है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी. यानी अब महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन का तरीका बदल जाएगा. 

आधार वर्ष बदलती है सरकार

गौरतलब है कि महंगाई के आंकड़ों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है. इससे अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के आधार पर किया जाता है और मजदूरों के वेज पैटर्न को शामिल किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है.

कैसे होता है महंगाई भत्‍ते का कैलकुलेशन?

आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है. आपको बता दें कि महंगाई भत्ते की मौजूदा दर को मूल वेतन से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है. 

क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?

महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. कर्मचारियों को ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन पर असर न पड़े. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है. 

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