Today Breaking News

पंक्चर जिप्सी से मुख्तार को लेकर फरार हो गया था महेंद्र, उसकी गोली मारकर हत्या

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ/गाजीपुर. गाजीपुर शहर कोतवाली के गायत्री नगर निवासी हिस्ट्रीशीटर महेंद्र जायसवाल मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी था। पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने एंटी माफिया अभियान शुरू किया तो इसकी जद में महेंद्र भी आया था। उसके दो मकानों को डीएम के आदेश पर कुर्क कर दिया गया था। 

गाजीपुर शहर कोतवाली में इसके खिलाफ चाकूबाजी, मारपीट, धमकी आदि मामलों में कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं। 1985 में तत्काल एडिशनल एसपी उदय शकर जायसवाल से शहर के लंका में हुई क्रास फायरिंग में मुख्तार की जिप्सी पंक्चर हो गई थी लेकिन महेंद्र उसी जिप्सी से मुख्तार को लेकर भाग निकला था। रविवार की देर शाम लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली के विजयनगर में बाइक सवार बदमाशों द्वारा महेंद्र की गोली मारकर हत्या की खबर से जिले में उसकी चर्चाएं होने लगीं। उसके स्वजन रात में ही लखनऊ के लिए रवाना हो गए।

महेंद्र जायसवाल पढ़ाई के समय ही दोस्त को चाकू मार दिया था। इसी बीच किसी के माध्यम से उसकी मुलाकात मुख्तार अंसारी से हो गई। बताया जाता है कि वर्ष 1985 में तत्कालीन एडिशनल एसपी उदय शकर जायसवाल से मुख्तार की किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। उस समय मुख्तार अंसारी जरायम की दुनिया में प्रवेश कर रहा था। 

गाजीपुर शहर के लंका पर एडिशनल एसपी और मुख्तार अंसारी के बीच क्रास फायरिंग हो गई। जिप्सी में मुख्तार और उसके साथ महेंद्र ही था। फायरिंग में जिप्सी पंक्चर हो गई, लेकिन महेंद्र उसी जिप्सी से मुख्तार को लेकर फरार हो गया था। मुख्तार अंसारी महेंद्र के इस दुस्साहस को देखकर काफी प्रभावित हुआ और उसे अपने साथ रख लिया। 

कुछ दिनों तक वही मुख्तार की गाड़ी चलाता रहा। इसके बाद महेंद्र मुख्तार के नाम का सिक्का चलाते हुए उनके ठेका-पट्टा का काम देखने लगा था। इतना ही नहीं, उस समय जेल में मुख्तार अंसारी की पूरी व्यवस्था यही करता था। मुख्तार को जिला जेल से दूसरे जेल में भेजा गया तो महेंद्र ने भी जिला छोड़ दिया और लखनऊ को अपना ठिकाना बना लिया। वहीं पर ठेका-पट्टा का कार्य करने लगा। रविवार की देर शाम उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई तो यह खबर जिले में तेजी से फैल गई।

'