IIT खड़गपुर का पासआउट करा रहा था कंडक्टर की फर्जी भर्ती, लखनऊ के होटल से 4 गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम में आइआइटी खडग़पुर का पासआउट साथियों संग कंडक्टर की फर्जी भर्ती करा रहा था। मडिय़ांव पुलिस ने रेनेसां होटल से चार लोगों को गिरफ्तार कर फर्जीवाड़े का राजफाश किया है। आरोपित लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें जाली नियुक्ति पत्र थमा देते थे। इनमें एक आरोपित आइआइटी खड़गपुर से पासआउट है और दूसरा गोरखपुर से ट्रेजरी विभाग से निलंबित कर्मी है। आरोपितों के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, एक लाख 94 हजार रुपये व बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
इंस्पेक्टर मडिय़ांव वीर सिंह के मुताबिक परिवहन विभाग ने वर्ष 2021-22 के लिए संविदा पर 748 परिचालकों की भर्ती का विज्ञापन दिया था। इस विज्ञापन को आधार बनाकर आरोपित अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने का झांसा दे रहे थे। जानकारी मिलने पर मडिय़ांव पुलिस की टीम रेनेसां होटल पहुंची और कमरा नंबर 807 में दबिश दी। होटल से तिर्वा कन्नौज के कृष्ण मुरारी, उरई के मनोज गौतम, आजमगढ़ के सुनील सिंह यादव और दिल्ली के रिषांत सिंह को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में रिषांत ने बताया कि वह आइआइटी खड़गपुर का पासआउट है। वहीं कृष्ण मुरारी ट्रेजरी आफिस गोरखपुर का निलंबित कर्मचारी है। होटल के कमरे से पुलिस ने एक करोड़ और 50 लाख के दो चेक बरामद किए हैं, जिनकी वैद्यता मार्च 2022 तक है। इसके अलावा पांच हजार, 10 हजार और दो लाख के चेक, 25 जाली नियुक्ति पत्र, प्रेरणा नाम से बैंक का पासबुक, जाली मोहर, दो आवेदन पत्र और आरोपितों के खातों में लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन के साक्ष्य बरामद हुए हैं।
आपस में बांट रखा था काम : चारों आरोपितों ने आपस में काम का बांट रखा था। रिषांत अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेता था। लोगों को झांसे में लेने के लिए आरोपितों ने कहा था कि विभाग ने उनकी कंपनी आर्टिज फैकल्टी मैनेजमेंट, हैड आफ रिक्रूटमेंट नारायण इंटर प्राइजेज और जैकसन इंटर प्राइजेज को भर्ती का काम सौंपा है। कृष्ण मुरारी अपने आप को कंपनी का एचआर बताता था, जबकि मनोज और सुनील बेरोजगारों को जाल में फंसाते थे। पूछताछ में सैकड़ों लोगों से ठगी की बात सामने आई है। कुछ माह पहले आरोपितों के एक साथी चंद्रकांत को बलरामपुर पुलिस ने जेल भेजा था।