गोरखपुर में जिला सहकारी बैंक के पूर्व जीएम 3.54 करोड़ के घपले में गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. जिला सहकारी बैंक गोरखपुर के पूर्व जीएम रमाशंकर मिश्र को सीबीसीआइडी की टीम ने शाहपुर के मानस बिहार कालोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। बैंक की सिकरीगंज शाखा से हुए 3.54 करोड़ के घपले में वह आरोपित थे। कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। जिला सहकारी बैंक की सिकरीगंज शाखा पर वर्ष 2012 से 2015 के बीच तैनात रहे तत्कालीन प्रबंधक रामनाथ ने फर्जी तरीके से 400 लोगों में 3.54 करोड़ ऋण वितरित किया था।
कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर दिया लोन
शाखा प्रबंधक ने अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर उरुवा, बेलघाट,सिकरीगंज, खजनी,पिपरौली में रहने वाले लोगों को भी ऋण दे दिया। शिकायत पर हुई जांच में पता पता चला कि अनियमित तरीके से ऋण वितरित करने में जिला सहकारी बैंक के पूर्व महाप्रबंधक रमाशंकर मिश्र, रामनेवास, जयप्रकाश, उप शाखा प्रबंधक कालिका प्रसाद सिंह भी शामिल रहे। सीबीसीआइडी की टीम रामनेवास, जयप्रकाश व कालिका प्रसाद सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। प्रभारी निरीक्षक शाहपुर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि दोपहर में सीबीसीआइडी की टीम पूर्व महाप्रबंधक रमाशंकर मिश्र को गिरफ्तार कर थाने ले आई थी।जीडी में सूचना दर्ज कर दोपहर बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया।
एक व्यक्ति बना कई लोगों का गारंटर
ऋण लेने के लिए दो गारंटर लगते हैं। लेकिन 400 कर्जदारों के लिए 250 लोग ही गारंटर बने। जेल गए रामनिवास ने 17 और जयप्रकाश ने पांच लोगों की गारंटी ली थी।सीबीसीआइडी की टीम ऋण लेने वाले व्यक्ति की तलाश में गांव जा रही है तो वह नहीं मिल रहे हैं।
परिवार को सौंपी सहायता राशि, नौकरी का आश्वासन
हादसे में मरने वाले युवक की मां को एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रही संस्था ने पांच लाख रुपये का चेक सौंपा। अधिकारियों ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है। रविवार को डंपर की चपेट में आए नरगड़ा गांव निवासी ओमप्रकाश की मौत हो गई थी। हादसे के बाद गांव के लोगों ने सड़क पर शव रख जाम लगा दिया था। घटना के बाद डंपर छोड़कर चालक फरार हो गया। पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रही कंपनी के अधिकारी भी पहुंचे। उन्होंने परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा देकर गांव के लोगों को शांत कराया था। सोमवार को कंपनी के अधिकारियों ने ओमप्रकाश की मां सीता देवी को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा।