उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है नशे का कारोबार, 74% बढ़ी बीयर की खपत, अफीम व गांजा तस्करी में आई तेजी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में देसी व अंग्रेजी शराब के मुकाबले बीयर की खपत में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है। खुद आबकारी विभाग के अफसर कहते हैं कि कोरोना काल के बाद अब स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और इनके छात्रावास पूरी तरह खुल जाने से बीयर की खपत बढ़ रही है। पिछले साल मार्च से मई के बीच कुल 46 दिन शराब व बीयर की दुकानें बंद रही थीं।
इसके अलावा विधानसभा चुनाव करीब आने की वजह से भी देसी व अंग्रेजी शराब तथा बीयर की खपत बढ़ रही है। संभावित उम्मीदवारों ने अपने कार्यकर्ताओं के अलावा वोटरों को अपने पाले में अभी से करने के लिए पीने-पिलाने का सिलसिला तेज कर दिया है।
मादक पदार्थों का सेवन भी बढ़ा
सिर्फ बीयर और शराब ही नहीं बल्कि यूपी में अब अफीम, गांजा, चरस, हेरोइन, मॉरफीन के अलावा नशीले इंजेक्शन, टैबलेट, अफीम के अंश कोडीन से बने कफ सिरप की खपत भी तेजी से बढ़ रही है। कंट्रोल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स के आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षों में झारखंड से यूपी के विभिन्न हिस्सों में अवैध अफीम की तस्करी भी बढ़ती जा रही है। यह अवैध अफीम यूपी की दवा निर्माता कंपनियों में खप रही है। ब्यूरो के अधिकारी खुद स्वीकार करते हैं कि फार्मा सेक्टर उनके रडार पर है, कुछ थोक दवा विक्रेताओं को पकड़ा भी गया है।
यूपी में शराब व बीयर की खपत
देसी शराब अंग्रेजी शराब बीयर
1 अप्रैल से 30 नवंबर 2020 31. 23 करोड़ ली. 12.54 करोड़ बोतल 22. 69 करोड़ केन
1 अप्रैल से 30 नवंबर 2021 42. 33 करोड़ ली. 16.82 करोड़ बोतल 38. 83 करोड़ केन
कुल बढ़ोत्तरी प्रतिशत में
39.3% 37% 74%
स्रोत-आबकारी विभाग
यूपी में मादक पदार्थों के सेवन में बढ़ोत्तरी
- गांजा, चरस, अफीम जैसे परंपरागत नशे के अलावा अब नशीले इंजेक्शन, गोलियां व सिरप आदि का चलन काफी बढ़ा।
- खासतौर पर मेडिकल, इंजीनियर व मैनेजमेंट कालेजों के छात्रावासों में अफीम के अंश कोडीन से बने कफ सिरप का न केवल सेवन कई गुना बढ़ा।
- पिछले साल कोरोना के चरम के दौरान आवश्यक सेवाओं के वाहनों से कई ऐसे कफ सिरप की नेपाल, बांग्लादेश आदि देशों को तस्करी भी बढ़ी।
- कंट्रोल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने झारखंड से लायी गयी 24 किग्रा., 41 किग्रा., 60 किग्रा., 45 किग्रा अवैध अफीम बरामद की।
स्रोत: कंट्रोल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स