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Ghazipur News : बारिश से ठंड बढ़ी, क्रय केंद्रों पर भीगा धान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में मंगलवार को सुबह बदली छा गई। मौसम अचानक बिगड़ने के साथ ही ढाई बजे से बारिश शुरू हो गई। लगातार पौने छह बजे बारिश होती रही। तापमान गिरने से ठंड बढ़ गई। घर पर मौजूद लोग रजाई में दुबके रहे जबकि बाजारों में लोगों ने हीटर और अलाव के सहारे राहत की सांस ली। कुछ सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था न होने से लोगों को दिक्कत हुई। बारिश से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ। क्रय केंद्रों पर बारिश से बचाव का इंतजाम न होने से किसानों का सैकड़ों क्विंटल धान भीग गया।

बारिश के दौरान कुछ केंद्रों पर किसानों ने हजारों रुपये खर्च कर तिरपाल, प्लास्टिक की व्यवस्था कर धान को ढकने का काम किया। जो इंतजाम नहीं कर सके थे उनका धान भीग गया है। इससे खरीद में विलंब होने के साथ ही नुकसान की आशंका है। किसानों का कहना है कि धान भीगने से खराब हो जाएगा। सेवराई: बारिश के दौरान धान क्रय केंद्र सेवराई के परिसर में तौल के अभाव में रखे गए 40 किसानों का सैकड़ों क्विंटल धान बारिश में भीग गया। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। 

किसानों का कहना है कि सरकारी व्यवस्था के कारण धान भीग गया। एक नवंबर से धान खरीदारी शुरू की गई लेकिन खरीदारी न होने से 28 दिसंबर तक किसानों का धान खलिहान में रखा हुआ है। टोकन सिस्टम होने के बाद सेवराई क्रय केंद्र पर करीब 35 से 40 किसानों के सैकड़ों क्ंिवटल धान तौल कराने के लिए रखा गया था जो तेज बारिश के कारण भीग गया। बारिश से बचने के लिए किसानों ने प्लास्टिक और तिरपाल से अपने उपज को ढकने का प्रयास किया। लेकिन फिर भी धान को पूरी तरह सुरक्षित नहीं किया जा सका। किसानों का कहना है कि केंद्र पर धान को बारिश से बचाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

दो दिन और बारिश के आसार

मौसम विभाग का पुर्वानुमान है कि 29 और 30 दिसबर को भी आसमान में बादल छाए रहने और बारिश होने के आसार हैं। ऐसे में जिससे तापमान में गिरावट होने से ठंड बढ़ेगी। सुबह और शाम कोहरा होने से दृश्यता कम होने से सड़क पर दो पहिया और चार पहिया से आवागमन करने वालों की परेशानी बढ़ेगी।

आलू, सरसों, चना पर रोगों का खतरा बढ़ा

बेमौसम बारिश होने से खेती को भी काफी नुकसान होगा। आलू, सरसों, चना की पैदावार घटने के साथ कई रोगों का खतरा होने की आशंका बढ़ गई है। कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में खेतों में किसी प्रकार का छिड़काव या बुरकाव न करें। बादल और बारिश होने से सरसों, आलू आदि की फसल में कीट व रोग लग जाते हैं। आलू में सबसे अधिक झुलसा रोग होता है जिससे उसकी पैदावार आधी हो जाती है। मौसम में बदलाव से अगले पांच दिन बादल और बारिश की आशंका के साथ अधिकतम तापमान 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड व न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की संभावना है। इन दिनों पश्चिमी हवा औसत 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है।

किसानों से हुई तौल के बाद धान के बोरो को सुरक्षित रखा दिया गया है। हमारा प्रयास रहा है कि अधिकतम धान की खरीद हो जाये।- अजय कुमार शुक्ला, एसएमआई

 
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