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मनरेगा मजदूरी के भुगतान में अब ब्लॉक प्रमुख के भी होंगे दस्‍तखत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अब क्षेत्र पंचायत में मनरेगा के तहत करवाए गए विकास कार्यों की मजदूरी और मैटीरियल के भुगतान विकास खण्ड में तैनात खण्ड विकास अधिकारी के साथ ही ब्लाक प्रमुख के भी डिजिटल हस्ताक्षर से होंगे। इस बारे में ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बीती 24 दिसम्बर को आदेश जारी किए हैं।

आदेश में कहा गया है कि क्षेत्र पंचायतें मनरेगा में इम्पलीमेंटिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर सकती हैं। मनरेगा योजना की गाइड लाइन के अनुसार प्रशासनिक तकनीकी और वित्तीय स्वीकृति सक्षम स्तर से प्राप्त कर क्षेत्र पंचायतों द्वारा कार्य आरम्भ करवाया जाएगा। कार्य प्रभारी के रूप में एडीओ अथवा अवर अभियंता स्तर के अधिकारी नामित किए जाएंगे। कराए गए कार्यों के सापेक्ष मजदूरी और मैटीरियल के भुगतान विकास खण्ड में तैनात खण्ड विकास अधिकारी और ब्लाक प्रमुख के संयु़क्त डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा।

मनरेगा योजना में क्षेत्र पंचायतों द्वारा करवाए जा रहे कार्यों की जांच व निरीक्षण में प्रकाश में आयी शासकीय क्षति की वसूली संबंधित पदाधिकारियों-कार्य प्रभारी, कार्य की नापजोख करने वाले तकनीकी सहायक, अवर अभियंता, लेखाकार, खण्ड विकास अधिकारी, ब्लाक प्रमुख से की जाएगी। उधर, पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्राम प्रधान संगठन की उक्त आपत्ति तथ्यों से परे है क्योंकि मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत में करवाए गए विकास कार्यों की मजदूरी व मैटीरियल का भुगतान ग्राम प्रधान के डिजिटल हस्ताक्षर से करवाने की घोषणा की है, जिस पर पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत दो विकास खंडों में क्रियान्वयन हो भी रहा है। जहां तक अपर मुख्य सचिव ग्राम्य पंचायत के 24 दिसम्बर के आदेश का सवाल है तो यह आदेश मनरेगा योजना के तहत एक से ज्यादा गांवों में विकास कार्य करवाए जाने पर मजदूरी व मैटीरियल का भुगतान पर लागू होगा।

आदेश के खिलाफ आए ग्राम प्रधान संगठन

इस आदेश पर राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन ने आपत्ति उठाई है। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि बीती 16 दिसम्बर को यहां डिफेंस एक्सपो मैदान में आयोजित ग्राम उत्कर्ष समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि मनरेगा के विकास कार्यों में मजदूरी व मैटीरियल के भुगतान ग्राम प्रधान के डिजिटल हस्ताक्षर से होंगे। इसके लिए दो महीने के पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ और फतेहपुर के दो विकास खंडों में मुख्यमंत्री की यह घोषणा लागू की गई है। शर्मा का कहना है कि ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव का 24 दिसम्बर का आदेश मुख्यमंत्री की घोषणा के उलट है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत ब्लाक प्रमुख के डिजिस्टल हस्ताक्षर से ही मजदूरी व मैटीरियल का भुगतान करवाया जाना था तो फिर मुख्यमंत्री की घोषणा का कोई मतलब नहीं रहा।

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