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साइकिल पर सवार हुए रामइकबाल, बलिया का बदला सियासी समीकरण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. जो अंदेशा था आखिर वही सच साबित हुआ। पूर्व विधायक और भाजपा प्रांतीय परिषद के सदस्य रामइकबाल सिंह सोमवार भाजपा को अलविदा कह साइकिल पर सवार हो गए। उन्होंने लखनऊ में सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष सपा की सदस्यता ग्रहण की। उनके सपा ज्वाइन करने से उनके समर्थकों में हर्ष व्याप्त है। उनके सपा में शामिल होने पर स्थानीय सपा कार्यकर्ताओं सहित उनके समर्थकों ने भी शुभकामनाएं दी है।

रामइकबाल सिंह ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति शुरू की थी और आगे चल कर भाजपा की राजनीति से जुड़ गए। मूल रूप से रसड़ा ब्लॉक के मुड़ेरा गांव निवासी वर्ष 2002 में चिलकहर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधान सभा का चुनाव लडे और जीत हासिल की थी। शुरू से ही बागावती तेवर के रामइकबाल अपने जुझारूपन के लिए जाने जाते हैं। 2007 में वे चिलकहर क्षेत्र से सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय से चुनाव हार गए थे। उसके बाद वर्ष 2009 में घोसी से लोक सभा का चुनाव लड़े और हार गए। नए परिसीमन के बाद वे 2012 में रसड़ा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ें लेकिन यहां भी उन्हें बसपा प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2014 में सलेमपुर लोक सभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट के दावेदार थे लेकिन टिकट नहीं मिला।

वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में सदर विधान सभा क्षेत्र से वे टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें पुनः टिकट देकर रसड़ा क्षेत्र से लडने के लिए भेज दिया। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद राम इकबाल सिंह खुद को अलग थलग महसूस करने लगे थे। लखीमपुर खीरी कांड से वे काफी नाराज़ थे। उन्होने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोविड की दूसरी लहर से निपटने के तरीके पर भी सवालिया निशान लगाया था। अंततः पार्टी की नीतियों से नाराज़ होकर लखनऊ में सपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष सपा में शामिल हो गए।

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