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ब्राह्मणों को साधने के लिए मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी, तय की गई रणनीति

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के ब्राह्मण मंत्री अब समाज के बीच जाएंगे। ये मोदी सरकार की ओर से संस्कृत, संस्कृति, धर्म शास्त्रों और धार्मिक स्थलों के लिए किए गए कामों के साथ ब्राह्मण समाज को दिए प्रतिनिधित्व को बताएंगे।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर हुई बैठक में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने पर मंथन किया। ब्राह्मणों को साधने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्रियों व सांसदों की 16 सदस्यीय कमेटी भी गठित की है गई। बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के ब्राह्मण मंत्री शामिल हुए।

बैठक में हाल ही में सपा में शामिल हो रहे ब्राह्मण नेताओं के असर पर मंत्रियों ने राय रखी। नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी ने संस्कृत, संस्कृति, धर्म शास्त्र और धार्मिक स्थलों के उत्थान के लिए जो काम किए हैं उसका फायदा समाज को हुआ है। बैठक में तय किया गया कि मंत्री समाज के बीच जाकर बताएं कि सपा शासन में किस तरह ब्राह्मणों की हत्या की गई थी।

2007 में ब्राह्मणों के समर्थन से बसपा की सरकार बनने के बाद एससी-एसटी एक्ट के तहत सबसे ज्यादा मुकदमे ब्राह्मणों पर ही दर्ज हुए थे। तय हुआ कि मंत्री ब्राह्मण संगठनों के नेताओं से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे कि भाजपा ने ही समाज को प्रदेश व केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व के साथ संगठन में भी शीर्ष पदों पर बैठाया है। 2022 में यूपी में भाजपा की सरकार नहीं बनी तो इसका नुकसान ब्राह्मण समाज के साथ प्रदेश और देश को भी होगा। ये मंत्री विश्वास दिलाने का प्रयास करेंगे कि 2022 में फिर भाजपा की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर करने के साथ शिकायतों का समाधान भी होगा।

बैठक में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, विधि मंत्री ब्रजेश पाठक, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी व राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला भी मौजूद थे।

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