Today Breaking News

वर्षगांठ के रूप में मनाया गया आजादी का अमृत महोत्सव - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में आजादी का अमृत महोत्सव देश 75वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया गया। अमृत महोत्सव आयोजन समिति के तत्वाधान में 16 दिसम्बर को रामलीला लंका मैदान वंदे मातरम राष्ट्र गीत के साथ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. नीरजा माधव डीप्टी डायरेक्टर आकाशवाणी गोरखपुर व कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. राघवेन्द्र पाण्डेय प्राचार्य पी जी कालेज गाजीपुर और विशिष्ट अतिथि बब्बन राम सेवानिवृत्त कर्नल ने संयुक्त रूप में भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्जवलित एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 

विशिष्ट अतिथि बब्बन राम ने देश की सुरक्षा में लगे सेना के जवानों के महत्व को बताकर सभी में जोश और उत्साह भर दिया और श्रोताओं ने जय हिन्द के नारे लगाकर देशभक्ति का वातावरण बना दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रसार भारती गोरखपुर की उप निदेशक डा निरिजा माधव ने कहा की आज का दिन भारतीय इतिहास का वह ऐतिहासिक दिन है जिस दिन 1971 के भारत पाक युद्व मे भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को नत मस्तक करते हुए 93500 पाकिस्तानी सैनिकों ने तिरंगें झंडे के निचे आत्मसमर्पण किया था। 

उन्होंने कहा की भारतीय सभ्यता और संस्कृति रही है हम किसी के उपर हमला नही करते, हमारे सैनिक वीरता के साथ साहस और शौर्य से युद्ध लड़ते है और उन्होंने रामायण काल का वर्णन करते हुए कहा की भारत की पुरातन संस्कृति यह भी रही की हमने जब कभी कोई युद्ध लड़कर किसी देश और उसकी सीमाओं को जीता उसे अपनाया नही, युद्ध बंदीयों संग कोई कभी न अनाचार, न अत्याचार किया है। आधुनिक युग मे पाकिस्तान सैनिकों को हराकर बंग्लादेश को अस्तित्व मे लाने का श्रेय भारत को जाता है। 

यह हमारी उदारता का शौर्य है की विजय के बावजूद शत्रु देश के साथ हम उदार होते हैं। गाजीपुर का वर्णन करते हुए कहा की गाजीपुर की भूमि बहुत उर्वरा है, वीर शहिद सपूतों, साहित्यकारों, संत, तपस्वी योद्धाओं की यह जन्मभूमि है। उन्होने कहा की पता नही कितने राष्ट्र भक्तों, ज्ञात,अज्ञात बलिदानियों के बल चौन की सांस ले रहे है इसे हमे स्वतंत्र सुरक्षित रखना है। उन्होने कहा की इतिहासकारों ने इतिहास लिखने मे छद्म किया है। 

बहुत से वीर विरंागनाओं का इतिहास दब गया चेन्नम्मा, सुनन्दा, दुर्गा भाभी, सुशीला देवी के योगदान को हम उनके स्वाधीनता आंदोलन को नकार नही सकते। उन्होंने छात्र छात्राओं को इंगित करते हुए कहा कि हम अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने में योगदान करें, यह हमारी जिम्मेदारी है। अपनी संस्कृति के साथ न स्वयं छेड़ छाड़ करें और न किसी छेड़छाड़ करने वाले को बर्दाश्त करें। कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. राघवेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि हमारे स्वाधीनता के लिए हमारे जवानो ने जो बलिदान दिया था उसे हम नमन करते है और उस बलिदान का ही नतीजा है कि आज हम यहा स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, हमारा देश कभी पूर्णरूप से गुलाम नही रहा और अंग्रेज आये हमारे देश में फुटडालो और राज करो की निति अपना कर देश के जागिरो को अपना गुलाम बनाने लगे। 

इनके गुलामी की जंजीरो को तोड़ने के लिए मंगल पाण्डेय ने अंग्रेेजो के खिलाफ बगावत कर स्वतंत्रता का बिगुल फुक दिया। हमारा देश अलौकिक विकासशील और विज्ञान के क्षेत्र में इतना आगे था कि यहा की संस्कृति और विज्ञान की चोरी की गयी और उसे इग्लेैड व फ्रांस अमेरिका जैसे देशो ने उसका उपयोग कर आज विकसित देशो की श्रंखला में शामिल है। 

कार्यक्रम के अन्त में भारत माता के आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन माधव कृष्ण ने किया। इस अवसर पर विभाग संचालक सच्चिदानन्द, जिला संचालक अशोक, जिला प्रचारक प्रेमसागर, नगर प्रचारक आलोक, शारीरिक प्रमुख हर्ष, चन्द्र कुमार, दुर्गेश, विपुल, रूद्रा पाण्डेय, साधना राय, किरन सिंह, पूनम पाण्डेय, विनोद तिवारी, डा.एसएन परिहार, इंदिवर पाठक विरेन्द्र यादव, शशिकान्त शर्मा आदि लोग शामिल रहे।

'