उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच चलेंगी 54 प्राइवेट बसें, 9 साल पहले टूट गया था समझौता
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच सुगम यातायात व्यवस्था संचालित करने को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई रूटों पर प्राइवेट बसों को परमिट देने का निर्णय लिया गया है। अभी बसों का समय क्या होगा, उसका संचालन कहां से होगा, निजी स्टैंड होगा या जिला प्रशासन जमीन उपलब्ध कराएगी इसको लेकर विभाग मंथन कर रहा है।
राज्य परिवहन प्राधिकरण बनारस से 54 बसों को परमिट देगा। इसी प्रकार बिहार से बनारस के लिए बसें चलाई जाएंगी। बस मालिक 20 दिसंबर तक राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन कर सकते हैं। 27 दिसंबर को लखनऊ में होने वाले प्राधिकरण की बैठक में परमिट जारी किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच दो दशक पहले हुए समझौते में एक-दूसरे के यहां बसें आती-जाती थी। करीब नौ साल पहले दोनों राज्यों के बीच समझौता खत्म हो गया। ऐसे में दोनों प्रदेश के बीच आने-जाने वाले यात्रियों को आवागमन में परेशानी होती थी। एक बार फिर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने सभी आरटीओ को निर्देश दिया है कि प्रदेश से सटे जिले अपने-अपने यहां से बसों को परमिट देने के लिए बस मालिकों को सूचित करें। इच्छुक बस मालिक राज्य परिवहन प्राधिकरण लखनऊ में आवेदन करने के साथ फीस जमा करें।
यह है परमिट का रूट
-वाराणसी-बक्सर वाया बारा व चौसा।
-बरहज-सलेमपुर-प्रतापुर, फैक्ट्री-मैरवा-सियान।
-सलेमपुर-भिंगारी, भवानीछापर, मीरगंज, हथुआ और सिवान।
-समउर-पडरौना, छितौनी और बंगहा।
-गोरखपुर-कप्तानगंज, छितौनीघाट और बंगहा।
-बलिया-बक्सर वाया भरौली बार्डर।
-बलिया-छापर वाया माझीघाट
इतनी फीस होगी देय
200
कोर्ट फीस
1200
आवेदन फीस
7500
परमिट फीस
20 दिसंबर
आवेदन की अंतिम तिथि
दोनों राज्यों के बीच निजी बसों का संचालन करने को लेकर समझौता हुआ है। बसों का संचालन होने से यात्रियों को सफर करने में आसानी होगी। बार-बार वाहन बदलने से यात्रियों को परेशानी होती है। जिला प्रशासन से मिलकर बस स्टैंड तया किया जाएगा।-हरिशंकर सिंह, आरटीओ