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कहां से आए 185 करोड़ रुपये? इत्र कारोबारी पीयूष जैन का जवाब सुनकर हंस पड़े अफसर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से 185 करोड़ रुपये मिलने के बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने अभी तक किसी का नाम नहीं कबूला है। पूछताछ में अफसरों से कहा कि ये पैसा उसी का है, जिसे पुश्तैनी सोना बेचकर जमा किया था। सोना क्यों बेचा, किसे बेचा, कितने का बेचा, इन सवालों का जवाब वह नहीं दे सके। 

दावों की सच्चाई जानने के लिए ही जांच अफसर कन्नौज स्थित उनके घर की तिजोरियों और दीवारों को तोड़ने में लगे हैं। पीयूष ने डीजीजीआई अफसरों से पूछताछ के बाद भी कुछ नहीं उगला। पीयूष ने अफसरों से कहा कि ये उसका पैसा है। चाहें तो इनकम टैक्स काट लें और बाकी लौटा दें। इतना पैसा कहां से आया? जवाब में पीयूष ने कहा कि घर का पुश्तैनी 400 किलो सोना था, जिसे बेच दिया था। यह सुनते ही अफसरों की हंसी छूट गई।

जांच टीम ने सोना बेचने का कारण पूछा तो बोले, जरूरत थी। क्या जरूरत थी? इस पर कहा कि बिजनेस में पैसा लगाना था। अफसरों ने कहा कि पिछले पांच साल में एक नई फर्म नहीं खोली है। बिजनेस नहीं बढ़ाया है। कोई नया बिजनेस प्लान नहीं है। किसी नए कारोबार का ब्लू प्रिंट तक नहीं है, फिर भी सोना बेच दिया। इस पर वह खामोश हो गए। फिर अफसरों ने कहा, चलो मान लेते हैं कि सोना बेचा तो कहां बेचा। इस पर पीयूष ने कहा, थोड़ा-थोड़ा कर कई साल से छोटे-छोटे ज्वैलर्स को सोना बेच रहे थे। इस पर अफसर भी हंस पड़े और कहा, 400 किलो सोना कई साल से बेचकर रकम जमा करने की मूर्खता कौन करता है भाई। इस पर वह चुप्पी साध गए।

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