लिंक एक्सप्रेस-वे और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे तलाशेंगे औद्योगिक क्षेत्र का भविष्य
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया जनपद से जोड़ने के लिए बनने वाले लिंक एक्सप्रेस-वे और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के आसपास के 20 गांवों में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इसके लिए यूपीडी का ओर से 20 गांवों की सूची तैयार की गई है। यूपीडा की अधिकारी अरुणिमा मंगलवार को बलिया जनपद पहुंचेगी। स्थानीय प्रशासन के साथ चयनित गांवों का भ्रमण करेंगी।
गाजीपुर में खत्म हो रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बलिया को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है। यह गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक बनने वाले 118 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। लगभग 24 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए जो एलाइंमेंट जारी किया गया था। इसमें 10 गांव के गाटे शामिल हो गए थे, जो ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे में शामिल थे।
इस कारण एलाइंमेंट बदलने का कार्य किया जा रहा है। लिंक और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के आसपास के 20 गांवों को यूपीडा की ओर से औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए चुना गया है। इन गांवों की सूची यूपीडा की ओर से जिला प्रशासन को भेजी गई है। साथ ही यूपीडा की अधिकारी अरुणिमा भी मंगलवार को जनपद पहुंचेंगी और चिह्नत गांवों का स्थलीय निरीक्षण करेंगी।
यह गांव किए गए हैं चिह्नित
कथरिया, तेतारपुर, पिपरा कला, करंजा, दरियापुर, इटही, पिपरा खुर्द, श्रवणपुर, कोठिया, सुरही, सेंदुरिया, राय किशनपट्टी, नरसिंहपच्ची दोयम, सोहांव, बघौना, बसंतपुर, शिवपुर खास,फतेहपुर, शीतलपट्टी आदि।
उद्योग शून्य है बलिया जनपद
बलिया जनपद के उद्योग शून्य होने के कारण यहां के युवा रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करते हैं। कहने को तो जनपद में रसड़ा के माधोपुर, हनुमानगंज ब्लॉक को बनरहीं और गड़वार ब्लॉक के जिगनी खास में मिनी इंडस्ट्रीयल इस्टेट चयनित हैं। इसमें से माधोपुर और बनरही ही संचालित हैं। मिनी औद्योगिक क्षेत्र बनरही में 45 यूनिटें स्थापित हैं।
पिछले दिनों यहां के विकास के लिए 96.40 लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी। वहीं, अब तक सूने पड़े मिनी इंडस्ट्रीयल इस्टेट जिगनी खास के विकास के लिए 3.85 करोड़ का इस्टीमेट बनाया गया है। जनपद की जनसंख्या के अनुरूप यह रोजगार देने में सक्षम नहीं हैं। चीनी मिल रसड़ा और कताई मिल पहले ही बंद हो चुकी है। ऐसे में यदि नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास होता है तो जनपद में रोजगार से संसाधन उपलब्ध होंगे।