उत्तर प्रदेश में भर्तियों वाले दिन आएंगे तो जनता के साथ-साथ सरकार के भी अच्छे दिन आएंगे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. दीपावली बाद अब प्रदेश सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती का पिटारा खुलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी दारोगा भर्ती परीक्षा 12 नवंबर से शुरू होगी। इसके बाद उप्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 23 हजार पदों पर भर्ती की मुख्य परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए प्रारंभिक अर्ह परीक्षा हो चुकी है और परिणाम भी आ चुके हैं।
स्पष्ट है कि इतनी बड़ी संख्या में भर्ती रोजगार के अवसर तलाश रहे युवाओं में एक नई आशा का संचार करेगी। निराशा की ओर बढ़ रहे लाखों बेरोजगारों को नए सिरे से तैयारी करने का संबल भी प्रदान करेगी, लेकिन भर्तियों से जुड़ी परीक्षा प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है शुचिता को बनाए रखना। जब कभी परीक्षा होती है, छद्म परीक्षार्थियों के पकड़े जाने की सूचनाएं आती हैं। इस पर अंकुश के लिए कुछ कठोर कदम उठाने होंगे, ताकि बाद में परीक्षाओं को निरस्त या स्थगित करने जैसी स्थिति से बचा जा सके।
मौजूदा प्रदेश सरकार ने साढ़े चार वर्षों के दौरान 4.5 लाख लोगों को नौकरी दी है, शासन के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। जनसंख्या के हिसाब से बेरोजगारों की संख्या भी उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक है, इसलिए सरकार की जिम्मेदारी भी और अधिक बढ़ जाती है। सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सेवायोजन कार्यालयों के उत्तरदायित्व और सक्रियता सुनिश्चित करनी होगी।
इन कार्यालयों की भूमिका केवल रोजगार मेला आयोजित कराने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। मार्गदर्शन के साथ-साथ रोजगार संबंधी अधिकाधिक सूचनाएं पंजीकृत बेरोजगारों को समय से उपलब्ध करानी होंगी। साथ ही शासन स्तर पर अभियान चलाकर चिह्न्ति करने की आवश्यकता है कि किस विभाग-संकाय में कितने रिक्त पद हैं, उसके सापेक्ष भर्तियों की तैयारी करनी होगी।