सहकारी समितियों की जमीन पर खुलेंगे पेट्रोल पंप, जानें- क्या है योजना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक व फसली ऋण मुहैया कराने वाली प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) को लाभ दिलाने की बड़ी पहल की है। पहली बार सहकारी समितियों की भूमि पर पेट्रोल पंप खोले जाएंगे। सूबे में ऐसे 100 स्थलों को चिन्हित भी कर लिया गया है, जो मानक पूरा करते हैं, अब भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) स्थानों का निरीक्षण करके अगली प्रक्रिया तय करेगा।
यूपी सरकार ने सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और दूरदराज क्षेत्रों के लोगों को सुविधा देने को ये कदम बढ़ाया है। वैसे तो उत्तर प्रदेश में कुल 7479 सहकारी समितियां हैं, उनमें से बड़ी संख्या में समिति निष्क्रिय हैं। वहां कार्यरत सचिव व अन्य स्टाफ का वेतन निकलना मुश्किल है। ज्ञात हो कि सरकार समिति की आय से ही वेतन का भुगतान करती है। समितियों की आय बढ़ने से वे सक्रिय भी हो जाएंगी। सरकार का प्रयास है कि समितियां सिर्फ किसानों को ऋण वितरण करने तक सीमित न रहें, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में वे आर्थिक विकास का केंद्र बन जाएं।
असल में, ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोल पंप कम संख्या में और दूर स्थित हैं, समितियां जिलों में न्याय पंचायत स्तर पर संचालित हैं। योजना के नोडल अधिकारी सहकारिता के संयुक्त आयुक्त व संयुक्त निबंधक आरके कुलश्रेष्ठ ने बताया कि पेट्रोल पंप के लिए जमीन 40 मीटर लंबी और इतनी ही चौड़ी होना अनिवार्य है। शहर या फिर नगर पालिका व नगर पंचायत के करीब हो, साथ ही जिला स्तरीय मार्ग, स्टेट हाइवे या फिर नेशनल हाईवे पर भूमि हो। सभी जिलों से मांगी गई सूचना के बाद 100 स्थान चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड उनका निरीक्षण करेगा उसके बाद पेट्रोल पंप स्थापना के संबंध में निर्णय लिए जाएंगे।