घर आकर महिला ने लगाई फांसी तो पति ने DM को ठहराया जिम्मेदार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, हरदोई. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कलेक्ट्रेट में तैनात महिला प्रधान लिपिक ने दुपट्टे से फांसी लगाकर जान दे दी। जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड पहुंचे पति ने जिला प्रशासन के जिम्मेदार दो अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पुलिस ने तलाशी के दौरान मिले सुसाइड नोट में किसी को भी दोषी न ठहराए जाने की बात लिखी होने का दावा किया है।
कोयलबाग कॉलोनी निवासी मधु शुक्ला एलबीसी प्रधान लिपिक डीएम कलेक्ट्रेट शात्रागार में तैनात थीं। गुरुवार को दोपहर वह अपने आवास पर पहुंची। कुछ देर बाद उनका शव वहां फांसी के फंदे पर लटकता मिला। सूचना पाकर शहर कोतवाल दीपक शुक्ला, एएसपी पूर्वी अनिल कुमार सिंह, सीओ हरियांवा एके त्रिपाठी व कलेक्ट्रेट कर्मी मौके पर पहुंचे।
मौके पर छानबीन करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शहर कोतवाल दीपक शुक्ला के मुताबिक शव का पंचनामा भरा गया है। परिजनों की ओर से कोई लिखित सूचना नही मिली है। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि कलेक्ट्रेट कर्मी ने आत्महत्या की है। उसके पास से सुसाइड नोट मिला है। इसमें आत्महत्या के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
इनकी भी सुनिए
पति उमेश शुक्ला ने बताया कि उसकी पत्नी मधु शुक्ला के खिलाफ जांच चल रही थी। इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट का सहारा ले लिया था। इसी मामले में गुरुवार को डीएम ने बुलाया था। उन्हे बर्खास्त करने व जेल पहुंचाने की धमकी दी। कहा कि कोर्ट क्यों चली गई हो। इसी बात से आहत होकर उनकी पत्नी घर आई। उसके कुछ देर बाद वह नगर पालिका किसी काम से चला गया। इस दौरान अकेली पत्नी ने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। परिवार में उनके एक मधू शुक्ला के एक बेटी है।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि घटना बहुत दु:खद है। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। मधु शुक्ला के खिलाफ गंभीर आरोपों में जांच चल रही है। इसमें अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्हें दो बार नोटिस भेजी जा चुकी है। इसके बाद फाइनल प्रत्यावेदन मांगा गया था ताकि कोई निर्णय लिया जा सके। उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया। किसी भी तरह का कोई उत्पीड़न नहीं किया गया है।
कभी कलक्ट्रेट में बजता था डंका
मधु शुक्ला की तैनाती कलक्ट्रेट में प्रभावी अनुभागों में रहीं थी। सबसे लंबे समय तक उन्होंने शस्त्र अनुभाग में नौकरी की। कई वर्षों तक कलक्ट्रेट में उनका डंका बजता था। वर्ष 2019-20 में त्तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने शस्त्र बोर चेंज किए जाने की कई शिकायतों के सामने आने के बाद बोर बदलवाए जाने की सभी पत्रावलियां तलब कीं।
गहन जांच के बाद बिना डीएम की अनुमति से बड़ी संख्या में शस्त्र लाइसेंसों के बोर चेंज कराने की जानकारी मिली। कई शस्त्र लाइसेंसों की मूल पत्रावलियां ही गायब पाई गई थी। इस मामले की जांच के दौरान मधु शुक्ला से शस्त्र अनुभाग भी छीन लिया गया और उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई गई।
यह मामला कोर्ट भी गया था। प्रभारी अधिकारी शस्त्र सिटी मजिस्ट्रेट सदानंद गुप्ता ने बताया मधु शुक्ला एलबीसी में थी। वह जल्दी ही यहां तैनात हुए हैं। उनकी अभी तक उनसे मुलाकात भी नहीं हुई थी। हालांकि उन्हे जो जानकारी है उसके मुताबिक उनके विरुद्ध शस्त्रों के बोर चेंज मामले की जांच चल रही थी। जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती है तब तक सजा या कार्रवाई के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।