बिहार की इन ट्रेनों में अब भी लगेगा अधिक किराया, क्योंकि अभी नहीं हटा है स्पेशल का दर्जा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, पटना. रेलवे ने हाल के दिनों में एलान किया कि अब ट्रेनों का संचालन कोविड से पहले वाले नंबर और नियमों के मुताबिक होगा। इससे स्पेशल ट्रेन के नाम पर लगने वाले अतिरिक्त किराए से यात्रियों की जान बचेगी। इसका फायदा काफी हद तक रेल यात्रियों को मिलने भी लगा है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में चलने वाली पूर्व मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र की 148 मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को अब सामान्य नंबर के साथ चलाया जाने लगा है। हालांकि अब भी इस क्षेत्र की ढेरों ट्रेनों से स्पेशल का टैग नहीं हटा है। इन ट्रेनों में आपको अधिक किराया देना होगा।
किन ट्रेनों में आपको स्पेशल का किराया देना होगा, इसे जानने के लिए आप रेलवे की आधिकारिक पूछताछ वेबसाइट https://enquiry.indianrail.gov.in/mntes/ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको ट्रेन संख्या डालते ही पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। अगर आप ट्रेन संख्या भी नहीं जानते हैं तो ट्रेन बिटविन स्टेशन या लाइव स्टेशन के जरिये इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। सामान्य तौर पर ये समझें कि जिन ट्रेनों का नंबर एक या दो से शुरू होता है, वे सामान्य मेल/एक्सप्रेस या सुपरफास्ट हैं। शून्य से शुरू होने वाले नंबर की ट्रेनें स्पेशल हैं।
रेलवे अभी कई तरह की पैसेंजर ट्रेनों का संचालन कर रहा है। लंबी दूरी की ट्रेनों में पहले की तरह नियमित मेल/एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों का संचालन तो शुरू हो ही गया है, इसके साथ ही डिमांड के आधार पर लंबी दूरी के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन भी जारी रखा गया है। स्पेशल ट्रेनों में भी दो तरह का दर्जा है।
पहला मेल/एक्सप्रेस स्पेशल, जिनके किराए में अधिक अंतर नहीं है। दूसरा हालिडे स्पेशल, जिनका किराया सामान्य ट्रेनों से अधिक है। इसके अलावा कम दूरी की मेमू-डेमू लोकल ट्रेनों का संचालन भी अभी स्पेशल नंबर के तहत ही किया जा रहा है। इसमें भी दो तरह की ट्रेनें हैं। पहली पैसेंजर स्पेशल, जिनका किराया सामान्य पैसेंजर ट्रेन की तरह है। इसके अलावा कुछ ऐसी मेमू-डेमू ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनका दर्जा मेल/एक्सप्रेस स्पेशल का रखा गया है। इसके अलावा एक और श्रेणी ट्रेन आन डिमांड के अंतर्गत रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं।