संभल कर चलाएं वाहन, बेसहारा पशुओं का आरामगाह है हाईवे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। यह स्लोगन ताड़ीघाट-बारा नेशनल हाइवे 24 सी पर सटीक बैठता है। ताड़ीघाट-बारा नेशनल हाइवे बेसहारा पशुओं का आरामगाह बन गया है। सड़क पर इनकी सरपट दौड़ देख डरकर चालक अनियंत्रित होकर हादसे के शिकार हो रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की निद्रा नहीं टूट रही है। केवल गहमर थाना क्षेत्र में ही छह माह में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बेसहारा पशुओं को गोशाला में भेजवाने को लेकर अधिकारी उदासीन हैं।
हाइवे पर सुरक्षित यात्रा के लिए गांवों के किनारे सुरक्षा बाड़ लगाने का नियम है, जो नहीं लगे हैं। खेत-खलिहान और गांवों से निकलकर बेसहारा पशु हाइवे पर डेरा जमाए हुए हैं। इनकी धमा-चौकड़ी 24 घंटे देखी जा सकती है। बारा से लेकर भदौरा तक सड़क पर बेसहारा पशुओं का कब्जा है। जब आपस में लड़ने लगते हैं तो वाहनों का संचालन ठप हो जाता है।
कई बार यह पशु राहगीरों के साथ वाहनों को भी क्षति पहुंचा देते हैं। बारा से लेकर भदौरा, रेवतीपुर तक बेसहारा पशुओं का झुंड हाइवे पर बैठे देखे जा सकते हैं। दिन में तो यह पशु वाहन चालकों को दिखाई दे देते हैं लेकिन रात के अंधेरे में नजर नहीं आते, जिससे वाहन दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। तेज रफ्तार वाहनों से टकराकर प्रतिदिन दो-चार की संख्या में बेसहारा पशु मर रहे हैं या फिर घायल हो रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ताड़ीघाट-बारा मार्ग अब एनएचएआई 24सी के रख-रखाव से लेकर सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएचएआई के अधिकारियों की है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ताड़ीघाट-बारा मार्ग निर्माण के बाद से ही उपेक्षा का शिकार हो गया है। आए दिन हादसों को लेकर लोगों में आक्रोश भी है।
बेसहारा पशुओं को संरक्षित करने की जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी की है। हाइवे पर बेसहारा पशुओं का प्रवेश रोकने और गोशाला तक पहुंचाने के लिए खंड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।- राजेश प्रसाद, उपजिलाधिकारी सेवराई।