बनारस कबाड़ मंडी में रोज कटती हैं चोरी की गाड़ियां, 5 घंटे बाद नहीं पहचान पाएंगे खुद की गाड़ी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. चौकाघाट कबाड़ मंडी में ही नहीं, बल्कि जिले के कई कबाड़ की दुकानों पर चोरी की गाड़ियां रोज कटती हैं और किसी को मालूम तक नहीं चलता है। चोरी की गाडिय़ों के पाट्र्स को दुकानदार अलग-अलग बेचते हैं। यहां कुछ पाट्र्स खरीदने वालों की लंबी लाइन भी होती है, वह उस पाट्र्स के 10 से 15 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि बाजार रेट से सस्ता पड़ता है। ट्रक, बस समेत अन्य वाहनों को चार से पांच घंटे के अंदर अलग-अलग कर दिया था। कोई बता नहीं सकता है कि कटे बस और ट्रक के पाट्र्स हैं। चोरी के वाहनों को काटने के लिए वह अलग से औजार बना रखे हैं। साथ में मजदूर काटने का लेते हैं ठेका।
चेतगंज एसीपी अनिरूद्ध कुमार के प्रयास से चौकाघाट कबाड़ मंडी में 21 चोरी की गाडिय़ां कटते हुए पाई गई। नाम प्रकाश में आने पर चौकाघाट चौकी प्रभारी की तहरीर पर छह लोगों के खिलाफ जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। कमिश्नरेट पुलिस जांच कर रही है। चोरी की गाडिय़ां सिर्फ चौकाघाट कबाड़ मंडी में नहीं, बल्कि पिशाचमोचन में भी बड़े पैमाने पर कटती हैं। इसके अलावा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 50 से अधिक छोटे-बड़े कबाड़ की दुकान हैं, यहां स्थानीय पुलिस की मदद से चोरी की गाड़ियां कटती हैं। लंका, भेलूपुर, सारनाथ, शिवपुर और कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है लेकिन आगे क्या कार्रवाई हुई किसी को मालूम नहीं है।
चेतगंज थाने से 500 मीटर दूरी भी कटती हैं गाड़ियां
पिशाचमोचन मंडी में छोटी-बड़ी गाड़ियां दिन-रात कटती है। यहां से महज 500 मीटर दूरी पर चेतगंज थाना है। कुछ दूरी पर उच्च अधिकारी बैठते हैं लेकिन पुलिस एक भी दिन जांच करने नहीं जाती है। पिछले दो दशक में पिशाचमोचन मंडी चोरी की गाडिय़ों को कटने का कई बार मामला उजागर हो चुका है। चेतगंज पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ जेल भेजकर वाहवाही लूट चुकी है लेकिन आगे उसने कोई कार्रवाई नहीं है।
कंडम गाडिय़ों के लिए यह है प्रक्रिया
गाड़ी कंडम होने पर वाहन स्वामी को पहले उस पर बकाए सभी टैक्स को परिवहन कार्यालय में जमा करना होता है। उसके साथ वाहन स्वामी को अनुमति लेनी पड़ती है। गाड़ी कटने के साथ उसका चेचिस नंबर परिवहन कार्यालय में लाने के साथ पंजीयन अधिकारी के सामने पेश करना होता है। उस आधार पर उस गाड़ी पंजीयन निरस्त कर दिया था लेकिन ऐसा होता नहीं है। वाहन स्वामी गाड़ी कटवाने के साथ परिवहन विभाग को सूचना तक नहीं देते हैं।
चोरी का मुकदमा दर्ज कराकर करते हैं खेल
गाड़ी टैक्स बकाया होने पर वाहन स्वामी स्थानीय पुलिस की मदद से थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज करा देते हैं। उसके साथ ही गाड़ी को कबाड़ मंडी में कटवा देते हैं।
इंश्योरेंश कंपनी से लेते हैं क्लेम
कई वाहन स्वामी अपनी गाड़ी को चोरी में दिखाते हुए कबाड़ में कटवा देते हैं। उसके साथ इंश्योरेंश क्लेम भी लेते हैं। फर्जी तरीके से क्लेम लेने का मामला कई बार उजागर हो चुका है, इसको लेकर इंश्योरेंस कंपनी सतर्क हो गई।
बोले अधिकारी : कंडम गाड़ी को वाहन स्वामी कटवाता है। विभाग का सभी बकाया टैक्स जमा करने के साथ वाहन स्वामी को गाड़ी कटवाना चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है और न ही वाहन स्वामी विभाग को सूचना देता है, ऐसे में विभाग के रिकार्ड में वाहन वजूद में रहता है। -सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)।