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अतीक और मुख्तार के बहाने भाजपा का सपा पर हमला, कहा- ये तुष्टिकरण की राजनीति

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे ही नेताओं की जुबानी जंग भी तेज हो रही है। यूपी में इस बार मुख्य मुकाबला इस भाजपा और सपा के बीच माना जा रहा है। राज्य में समाजवादी पार्टी एक और भाजपा को घेरने में लगी है तो भाजपा भी सपा के शासनकाल की याद दिलाकर जोरदार हमला कर रही है। भारत में तेजी से उभरता माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू पर भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने लगातार कई पोस्ट कर समाजवादी पार्टी और अखिलेश पर निशाना साधा है।

भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा आजमगढ़ में मुसलमान जो आरोपित थे, आतंकवादी थे, उनके पकड़े जाने पर समाजवादी पार्टी का घोषणापत्र कहता है कि अगर मुसलमान आतंकवादी है तो उसके मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे, यह इनकी तुष्टिकरण की राजनीति है। उन्होंने कहा आज सभी जानते हैं कि सपा सरकार में कैसे गुंडाराज था, अतीक अहमद मुख्यमंत्री की कार में बैठते थे, मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी मौलाना नजीर अखिलेश यादव से मिलने खुद जाते थे, आज भाजपा के सरकार में गुंडे जेल की सलाखों के पीछे हैं, चाहे अतीक अहमद हो या मुख्तार अंसारी हो।

अखिलेश के दावे पर किया तंज

भाजपा प्रवक्ता ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव खुद बताएंगे कि गिरगिट से ज्यादा कौन रंग बदलता है। अखिलेश यादव कहते हैं कि 400 से ज्यादा सीटें आएंगी और वहीं जनता कह रही है कि इस बार 400 में दो जीरो घट के आएंगे।

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि अखिलेश को यह भी बताना चाहिए कि वह इतने ही काबिल और कर्मठ थे तो 2014 में जनता ने उनको क्यों "दूध की मक्खी" की तरह से निकाल कर बाहर फेंक दिया। उसके बाद से देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के चुनाव से लेकर पंचायत के चुनावों तक क्यों खारिज करती आ रही है।

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि अखिलेश अब ये भी बता दें कि उन्होंने अपने कार्यकाल में किया क्या? उन्हें जवाब देने में भले हिचक हो, लेकिन जनता को तो सबकुछ पता है। अखिलेश के कार्यकाल में सत्ता पोषित तुष्टिकरण की राष्ट्रघाती राजनीति हुई। 2005 में वाराणसी में आतंकियों ने बम धमाके के किए जिसमें 25 निर्दोष लोगों की जान गई थी। वलीउल्लाह और शमीम इसके आरोपी थे। इनके मुकदमे वापस लेने के लिए सपा सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस समय माननीय जजों ने याचिका खारिज करते हुए बेहद तल्ख टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि, आज आप उनके खिलाफ मुकदमे वापस ले रहे हैं। कल क्या उनको पद्मविभूषण से भी नवाजेंगे?

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