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भाजपा को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का क्रेडिट नहीं लेने देंगी सपा-बसपा, दोनों ने कहा- इसकी योजना हमारी सरकार में ही बनी थी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लखनऊ से गाजीपुर तक बने 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ने भाजपा और विपक्षी दलों के बीच चुनावी लड़ाई की पिच तैयार कर दी है। सपा-बसपा दोनों बीजेपी को इस एक्सप्रेस-वे का क्रेडिट नहीं लेने देना चाहती हैं। 

राजधानी लखनऊ को पूर्वांचल के जिलों से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सुल्तानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन करेंगे। एक्सप्रेस-वे नौ जिलों-लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरता है। इन जिलों में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस का मजबूत आधार है।

भाजपा ने दोबारा सत्ता के लिए 22,497 करोड़ रुपये की लागत से बने छह लेन के एक्सप्रेसवे को बड़े पैमाने पर प्रचारित प्रसारित करने की योजना बनाई गई है। 2017 के विधानसभा चुनावों में पूर्वी यूपी में हासिल की गई बढ़त को मजबूत करने के लिए इस एक्सप्रेस-वे ऐसी सड़क के रूप में पेश किया जा रहा है जो पूर्वी यूपी के पिछड़े क्षेत्रों को विकसित क्षेत्र में बदल देगा।

उद्घाटन कार्यक्रम को एक भव्य आयोजन बनाने के लिए भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने अपने संसाधनों और कैडर को पूर्वी उत्तर प्रदेश यानी पूर्वांचल के जिलों में उतार दिया है। लोगों को यह बताने की कोशिश हो रही है कि भाजपा विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। 

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को विकास का राजमार्ग बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि स्वतंत्रता के बाद उपेक्षित रहा पूर्वी उत्तर प्रदेश अब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक्सप्रेस-वे पूर्वी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगा। यूपी एक्सप्रेस-वे पर आठ स्थानों पर राज्य सरकार औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को गति देने के लिए औद्योगिक गलियारा विकसित करेगी। 

हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना की कल्पना उनकी सरकार ने की थी। उन्होंने दावा किया कि सपा सरकार ने 22 महीने के भीतर आगरा एक्सप्रेस-वे को पूरा किया। भाजपा सरकार एक अधूरे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर रही है। लोग असलियत जानते हैं। लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी कहा था कि भाजपा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। पश्चिम यूपी में नोएडा को पूर्वी यूपी के जिलों से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे परियोजना की योजना तब तैयार की गई थी जब बसपा सत्ता में थी। तब केंद्र की कांग्रेस सरकार की तरफ से लगाई गई बाधाओं के कारण परियोजना शुरू नहीं की जा सकी।

पश्चिमी यूपी में सेंध के डर से पूर्वी पर भाजपा की नजर

राजनीतिक पर्यवेक्षक का मानना है कि किसान आंदोलन और सपा-रालोद गठबंधन से पश्चिमी यूपी में सेंध लगने के डर से भाजपा ने पूर्वी यूपी पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं। माना जा रहा है कि यूपी में सत्ता के लिए पूर्वी यूपी की लड़ाई निर्णायक होगी। आगामी विधानसभा चुनाव में इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से 160 इसी क्षेत्र में हैं।

सुभासपा-सपा गठबंधन ने बढ़ाई चिंता

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड जीत के साथ सत्ता में आई थी। सपा और बसपा अपने गढ़ आजमगढ़ और अंबेडकर नगर में ही भगवा ब्रिगेड को रोक सकी थीं। इस बार ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) सपा के साथ गठबंधन कर चुकी है। इसका गाजीपुर, मऊ और सुल्तानपुर जिलों में अच्छा जनाधार है। इस गठबंधन ने भाजपा खेमे में चिंता पैदा कर दी है। श्रीवास्तव ने कहा कि सुभासपा का मुकाबला करने के लिए ही आजमगढ़ में बनने वाली यूनिवर्सिटी का नाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजा सुहेलदेव के नाम पर रखने का 13 नवंबर को शिलान्यास के दौरान ऐलान किया। 

पूर्वी यूपी में कई विकास योजनाओं का शुभारंभ

भाजपा पूर्वी यूपी में अधिकतम विधानसभा सीटें हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी यूपी में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है। इसमें कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन भी शामिल है। एक महीने के भीतर ही पीएम मोदी ने सिद्धार्थनगर में कॉलेज, अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। अगले एक महीने में वह गोरखपुर में एम्स और एक उर्वरक कारखाना के साथ वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं। 

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