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सपने में आई मां काली, बोली-बच्चों की चाहिए बलि...फिर कर डाली रोंगटे खड़ी कर देने वाली घटना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां ने अंधविश्वास और घरेलू कलह के चलते अपने के दो जिगर के टुकड़ों को बेरहमी से मार डाला। दोनों मासूम को बचाने पहुंचे पिता पर महिला ने प्रहार किया। पत्नी के प्रहार से पिता बुरी तरह घायल हो गया है। दोनों मासूम की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त भी बताई जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों बच्चों के शव को कब्जे में ले लिया है। महिला की इस हरकत से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

मामला बरेली के जिले के फरीदपुर के भुता इलाके के गांव मटकापुर का है। यहां एक महिला अपने ही दो मासूमों की हत्या कर बैठेगी यह किसी ने भी नहीं सोचा था। मटकापुर गांव के रहने वाले बंटू गंगवार का पत्नी जयंती देवी से कई महीनों से घरेलू विवाद चल रहा था। बीती रात दोनों में जमकर विवाद हुआ था। जिसके बाद महिला बौखला गई। पति का गुस्सा निकालने के लिए महिला ने अपने ही बेटे और बेटी को निशाना बना डाला।

महिला ने बिस्तर पर लेटी एक साल की मासूम बेटी और दो साल के बेटे को फरसे से काट डाला। पिता बंटू बच्चों को बचाने दौड़े लेकिन उस पर भी महिला ने हमला कर दिया। महिला के हमले में बंटू भी गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है। दोनों बच्चों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजे गए हैं। महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में महिला ने बताया कि रात को उसके सपने में मां काली आई थी। मां काली ने उसे दो बच्चों की बलि देने के लिए कहा था, जिसके बाद उसने यह घटना कर डाली। महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त भी बताई जा रही है। 

आठ दिन से बच्चों और पति को खाना नहीं दे रही थी जयंती

पुलिस पूछताछ में बच्चों के पिता ने बताया कि अक्सर पत्नी का उससे विवाद हो जाता था। घरेलू विवाद के चलते जयंती बच्चों पर भी जुल्म करती थी। पत्नी ने आठ दिन से बच्चों और उसे खाना परोस कर नहीं दे रही थी। खाना बनाने के बाद पहले खुद खाना खाती थी। बंटू गंगवार खुद बच्चों को और अपने लिए खाना परोस कर खाते थे। क्रूरता की हदें पार करने वाली बेरहम मां को लेकर गांव में लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। मासूम बच्चों की हत्या से गांव में मातम का माहौल है। अधिकतर घरों में दोपहर के चूल्हे भी नहीं जले हैं। मासूम बच्चों को याद करके लोग भावुक हो रहे हैं।

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