पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे: 16 नवंबर को PM मोदी करेंगे लोकार्पण, जानें इस 6 लेन Expressway की खासियतें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) का औपचारिक रूप से लोकार्पण करेंगे। लखनऊ (Lucknow) से आजमगढ़ (Azamgarh) और मऊ (Mau) होते हुए गाजीपुर (Ghazipur) तक 340.824 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे (Expressway) पर वाहनों के फर्राटा भरने से जहां समय के लिहाज से पूर्वी उत्तर प्रदेश (East Uttar Pradesh) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) के बीच की दूरी कम हो जाएगी, वहीं व्यापार और वाणिज्य को पंख लगेंगे।
आजमगढ़ में गृहमंत्री अमित शाह के 13 नवंबर के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (chief minister yogi adityanath) शुक्रवार को कह चुके हैं कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण अंतिम दौर में है। इसी महीने एक्सप्रेस-वे लोकार्पण किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे चालू होने से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी, लोगों को रोजगार मिलेगा। औद्योगिक गलियारा और पार्क बनाए जाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय से इस बारे में राज्य को आधिकारिक पत्र प्राप्त होना अभी बाकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास जुलाई 2018 में आजमगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। इस एक्सप्रेस-वे को पूर्वी यूपी के लिए लाइफलाइन कहा जा रहा है।
जाने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खासियतें...
योगी सरकार द्वारा प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों के विकास के लिए सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, अमेठी और अयोध्या के अलावा आर्थिक रूप से कम विकसित जिलों आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को लखनऊ से जोड़ने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731/NH731) पर स्थित ग्राम चांद सराय (लखनऊ) से प्रारंभ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे छह लेन चौड़ा है, जिसे आठ लेन तक विस्तार दिया जा सकता है। सभी संरचनाएं इसी हिसाब से तैयार की गई हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है। इससे परियोजना के आसपास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेस-वे पर सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध है। इस एक्सप्रेस-वे के अंतगर्ज मेन कैरिज-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 6 टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास निर्मित किए गए हैं। लड़ाकू विमानों के उतरने और उड़ान के लिए सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया गया है।
परियोजना की कुल लागत 22494.66 करोड़ रुपये और सिविल निर्माण की लागत 11216.10 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में न्यूनतम निविदाएं अनुमानित लागत से करीब 5.19 प्रतिशत कम लागत पर प्राप्त हुईं। इससे कार्यदायी संस्था यूपीडा को लगभग 614 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इसी वजह से इसे समय से पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी एवं औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के दौरे लगातार होते रहे हैं। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से ईंधन और समय की बचत के साथ प्रदूषण नियंत्रित हो सकेगा। वहीं दुर्घटनाएं होने के आसार भी कम हो जाएंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) मऊ (Mau), आजमगढ़ (Azamgarh) और गाजीपुर (Ghazipur) समेत कई जिलों के विकास में अहम योगदान देने वाला साबित होगा। इससे ओडीओपी योजना के तहत चयनित उत्पादों के निर्यात में सहूलियत होगी। साथ ही बाहर से आने वाले व्यापारियों को यहां पहुंचने में आसानी होगी। आजमगढ़ में इसकी कुल लंबाई लगभग 84 किमी है।
गाजीपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) की लंबाई लगभग 48 किमी है। इसके निर्माण से पूर्वी शहर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) से जुड़ जाएंगे। इसके दोनों किनारों पर पांच स्थानों पर इंडस्ट्रियल हब विकसित करने की योजना है। जिससे भंडारगृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही क्षेत्र में पर्यटन का भी विकास होगा।
एक्सप्रेस-वे के नजदीकी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, नए शहर और विभिन्न वाणिज्यिक केंद्रों को स्थापित किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और बढ़ जाएंगे।