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जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी के मामले में आजम पुत्र अब्दुल्ला समेत 5 पर आराेप तय, 30 नवंबर को मिलेगी सजा!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. फिल्म अभिनेत्री और रामपुर की सांसद जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी के मामले में सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील का हवाला देते हुए इस मामले में कोर्ट से तीसरी बार समय मांगा था। लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील का खारिज करते हुए आजम-अब्दुल्ला समेत पांच आरोपितों पर चार्ज फ्रेम करने की कार्रवाई की। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से आरोपित सांसद आजम खां के साथ ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की पेशी हुई। जबकि कोर्ट में मुरादाबाद के सांसद डा.एसटी हसन,आयोजक आरिज हसन के साथ ही संभल के पूर्व सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां मौजूद रहे। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तारीख दी है।

शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने बताया कि लोकसभा चुनाव में साल 2019 में रामपुर सीट से सपा नेता आजम खां को जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद उनके स्वागत में मुरादाबाद के कटघर में एक स्वागत जनसभा का आयोजन किया गया था। इसी जनसभा में फिल्म अभिनेत्री व पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ सपा नेताओं ने अभद्र टिप्पणी की थी। इस मामले में कटघर थाने में आजम खां, अब्दुल्ला आजम, डा. एसटी हसन, सम्भल के पूर्व सपा जिलाध्यक्ष फरोज खां, रामपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां और आयोजनकर्ता आरिज हसन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपित पक्ष के अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार शर्मा ने कोर्ट में सुप्रीम में दाखिल अपील का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट से संबंधित है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई है, जिस पर आगामी 24 नवंबर को सुनवाई होनी है। कोर्ट को इस मामले सुप्रीम कोर्ट में अपील निस्तारित होने तक के लिए समय देना गुजारिश की। हालांकि कोर्ट पहले इस मामले में तीन बार आरोपित पक्ष के अधिवक्ता को समय प्रदान कर चुकी थी।

सोमवार को सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोपित पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही आरोपित आजम खां उनके बेटे अब्दुल्ला आजम,मुरादाबाद के सांसद डा.एसटी हसन समेत सभी पांच आरोपितों पर चार्ज फ्रेम करने की कार्रवाई की। वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष के साक्ष्य और गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए 30 नवंबर की तारीख दी है। 

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