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कुर्की जब्ती करें, वॉरंट निकालें...पर गिरफ्त में होना चाहिए आरोपी, हाईकोर्ट की CBI को फटकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. जौनपुर जिले में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई है। दरअसल, 11 फरवरी को पुलिस कस्टडी में पिटाई के कारण पुजारी यादव की मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगने के बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केस सीबीआई को सौंप दिया।

सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने पीड़ित परिवार के घर पर जाकर मामले की जांच की। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इसको लेकर जमकर सीबीआई की जमकर फजीहत हुई है। कोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी न हो पाने को लेकर कोर्ट ने कहा कि कुर्की-जब्ती सहित सभी कानूनी उपाय कर गैर जमानती वारंट पर अमल करें। कोर्ट ने सीबीआई को 29 नवंबर को सीलबंद लिफाफे में केस की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

हिरासत में लिए गए थे पुजारी यादव

एक फरवरी को शिवगुलामगंज के पास हुई लूट के मामले में पूछताछ के लिए बक्शा थाने की पुलिस ने कृष्णा उर्फ किशन उर्फ पुजारी को हिरासत में लिया था। उससे थाने में जाकर घंटों पूछताछ की गई। पुलिस पर आरोप लगाया गया कि हिरासत के दौरान उसकी जमकर पिटाई की गई। इससे उसकी स्थिति खराब हुई। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मामले में निलंबित किए थे पुलिसकर्मी

पुजारी यादव की मौत के बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद बक्शा थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने पुलिस कस्टडी में क्रूरता से पिटाई से मौत, महत्वपूर्ण साक्ष्यों की अनदेखी, साक्ष्य मिटाने व गढ़ने का प्रयास और प्रभावी लोगों की गवाही को हाईजैक करने की कोशिश को देखते हुए निष्पक्ष व पारदर्शी जांच कराने पर जोर दिया।

हाईकोर्ट ने कहा था कि आईपीएस रैंक के अधिकारी एसपी और सीओ की संलिप्तता के आरोपी के कारण पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसके लिए मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया गया।

सरकार का पक्ष, आरोपी फरार

एसओजी टीम इंचार्ज व बक्शा थाना प्रभारी अजय कुमार यादव की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कड़ा रुख दिखाया। याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा गया कि सीजेएम जौनपुर की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी के लए 6 सितंबर 2021 को नन बेलेवल वारंट जारी किया गया है।

वहीं, सरकार की ओर से कहा जा रहा है आरोपी फरार हैं। इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में साफ किया है कि जांच पूरी कर लेने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। खंडपीठ ने 29 नवंबर को मामले की फिर सुनवाई का आदेश दिया है। इस दौरान सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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