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सावधान! पराली जलाने की सेटेलाइट से हो रही निगरानी - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. धान कटाई इस समय जोरों पर हैं। किसान धान की पराली को न जलाए इसके लिए राज्य स्तर पर सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है। पराली जलाने वाले किसानों से न केवल जिला प्रशासन जुर्माना वसूल करेगा। प्रदूषण रोकने के लिए शासन स्तर से सख्ती बरती जा रही है। किसान पराली न जलाए इसके लिए उन्हें कृषि विभाग जागरूक भी कर रहा है। जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि प्रदूषण रोकने के लिए शासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है।

पराली जलाने वालों पर निगाह रखने के लिए सेटेलाइट की मदद ली जा रही है। इसमें लगे सेंसर धुएं को डिटेक्ट करते हैं। अग्निजनित स्थानों की रोड मैपिग कर मैसेज के जरिए संबंधित जिलों की सूचना भेजी जाती है। इसके बाद डीएम द्वारा गठित सेल कार्रवाई करती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने और जलाने पर कार्रवाई के लिए जिले की सभी तहसील में समिति बनाई गई हैं। संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में ये टीम बनाई गई है। इसमें सीओ और तहसील और लेखपाल भी शामिल है।

पराली जलाने से खेत की घटती है उर्वरा शक्ति

कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज के कृषि विज्ञानी ओमकार सिंह बताते हैं कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति घटती है। भूमि में पाए जाने वाले कई मित्र कीट मर जाते हैं। वायु में सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड व अन्य कण मिलकर बीमारियां फैलाते हैं। कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा बढ़ने से सड़क पर धुआं फैलता है, जिससे हादसे होने का डर बढ़ता है।

यह है जुर्माने का प्रविधान

पराली जलाने का दोषी पाए जाने पर संबंधित किसान पर ढाई हेक्टेयर जमीन पर 2500 रुपये, पांच हेक्टेयर पर पांच हजार रुपये और इससे अधिक रकबे पर 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्रविधान है। तहसील स्तर पर टीमें गठित हैं। पराली जलाने पर कार्रवाई की जाएगी।

पराली जलाने वालों की निगरानी सेटेलाइट से हो रही है। जिले में अभी तक एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है। फसल अवशेष न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। ब्लाक, तहसील, बीज भंडारों में नोटिस लगाया गया है। धान उत्पादक गांवों को चिह्नित कर इनमें पिछले वर्ष की तरह डीएम के निर्देश पर नोडल बनाए गए हैं। इसमें पुलिस भी साथ रहेगी।- मृत्युंजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी।

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