गैंगेस्टर से चोरी की वजह जान पुलिस भी नहीं रोक पायी हंसी, क्या आप ये खबर पढ़कर खुद को रोक पाएंगे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजियाबाद. जीआरपी ने गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों के मोबाइल चुराने वाले बदमाश और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। दोनों से 13 मोबाइल मिले हैं, जिनमें से पांच कनेक्ट हो गए हैं। गिरफ्तार आरोपित बागपत के सिंघावली अहीर में हिसावदा गांव का मूल निवासी प्रिंस पाल उर्फ आंचल उर्फ गोरिल्ला और फिरोजाबाद के लाइनपार थानाक्षेत्र निवासी अवधेश सिंह है।
प्रिंस का कहना है कि उसे नौकरी नहीं पसंद, क्योंकि माह में सिर्फ एक बार पैसे (वेतन) मिलते हैं। उसे रोज नकद पैसे चाहिए। प्रिंस के मुताबिक वह किसी तरह का नशा नहीं करता, लेकिन नोट न देखूं तो बेचैनी होती है। इसलिए मोबाइल चुराता हूं, जिन्हें बेचकर रोज पैसे मिलते हैं।
मारुति के प्लांट में करता था काम
सीओ जीआरपी सुदेश गुप्ता ने बताया कि प्रिंस मेरठ के मेडिकल थानाक्षेत्र में परिवार से अलग किराये के मकान में रहता है। प्रिंस चोरी करता है और अवधेश वेंडर है, जो ट्रेन में यात्रियों को बहलाकर चोरी के मोबाइल बेच देता है। एक मोबाइल बेचने पर प्रिंस उसे 500-1000 रुपये कमीशन देता है।
प्रिंस ने बताया कि वह पालीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के बाद मारुति के गुरुग्राम स्थित प्लांट में नौकरी कर रहा था। लाकडाउन में नौकरी से निकाले जाने के बाद मेरठ में रहकर सब्जी बेचने लगा। मई-2021 में हुए आइपीएल में उसने सट्टा लगाया और सब्जी बेचकर कमाए करीब 50 हजार रुपये हार गया। इसके बाद वह दिन में एक पार्किंग का काम संभालता और रात में चोरी करने लगा।
जेब कटने का बहाना बनाता था
एसओ जीआरपी सतीश कुमार ने बताया कि प्रिंस को 2018 में भी गिरफ्तार किया था। उस पर गैंगस्टर लगाई गई थी, जिस कारण वह 10 माह तक डासना जेल में बंद रहा था। प्रिंस ने बताया कि वह हर माह 15-16 मोबाइल चुरा लेता है। एक मोबाइल ढाई से चार हजार रुपये में बिक जाता है। आधी रात के बाद दो बजे गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस मेरठ स्टेशन पहुंचती है। यहां से वह बिना टिकट लिए ट्रेन में सवार होता। इस समय अधिकांश यात्री सो रहे होते हैं।
प्रिंस कटी हुई जेब वाली पैंट पहनता है। अच्छी कद काठी और सैनिकों की तरह हेयर स्टाइल के कारण अधिकांश टिकट निरीक्षक उससे टिकट नहीं मांगते हैं। यदि कोई पूछता तो कटी जेब दिखाकर कहता कि उसके साथ घटना हो गई है। प्रिंस का कहना है कि कई यात्री अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर सो जाते हैं तो कई की जेब से आसानी से मोबाइल निकल जाता है। मेरठ से दिल्ली के बीच वारदात कर वह सुबह आठ बजे तक मेरठ लौट जाता। मोबाइल बेचते समय भी जेब कटने का बहाना बनाता था।