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ग्राम प्रधान चुनाव लड़ चुके नेताओं के जब्त होंगे डेढ़ करोड़ रुपये, जानिए वजह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. ग्राम पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले नेताओं की ओर से जमा जमानत राशि के करीब डेढ़ करोड़ रुपये जब्त होंगे। चुनाव समाप्त होने के करीब छह माह बाद भी पंचायत के इन नेताओं ने चुनाव खर्च का हिसाब नहीं दिया है। जमानत राशि के पैसे वापस लेने के आवेदन नहीं किए हैं। अब नियमानुसर चुनाव खर्च का हिसाब नहीं देने वाले प्रत्याशियों के जमानत राशि के पैसे जब्त होंगे। 

राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश से करीब छह माह पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो गया। जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायतों में नए पंचायत प्रतिनिधियों ने कार्यभार भी संभाल लिया। कई हारे हुए प्रत्याशी भी चुपचाप घर बैठ गए। उन्होंने न तो चुनावी खर्च का हिसाब दिया और न ही जमानत राशि वापस लेने का आवेदन किया। हालांकि आधे से अधिक प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो चुकी है। उनका पैसा तो वैसे सरकारी खजाने में जमा हो गया। 

अधिकारियों के अनुसार मेरठ जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों के कुल 7709 पदों पर 14 हजार से अधिक प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था। जिसमें से 7709 पदों पर तो प्रत्याशी जीत गए, अन्य हार गए। नियमानुसार सभी को परिणाम की घोषणा से 90 दिनों के अंदर चुनाव खर्च का हिसाब देना था, लेकिन चंद प्रत्याशियों को छोड़ किसी ने हिसाब नहीं दिया। जमानत के पैसे सरकारी खजाने में जमा हैं। अब आयोग के आदेश होते ही जब्ती की कार्रवाई होगी। 

सभी ब्लाक से मांगी गई है जानकारी

आरएन पाल, एडीईओ (पंचास्थनि) ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन शुल्क, जमानत राशि आदि को लेकर सभी ब्लाक से जानकारी मांगी गई है। उसके बाद आयोग के निर्देश के तहत जमानत राशि की जब्ती की कार्रवाई होगी।

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