काशी में स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन लिए भक्तों की लगी कतार, 551 क्विंटल मिष्ठान से लगेगा भोग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. श्रीकाशी विश्वनाथ के आंगन में विराजमान स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन हर बार की तरह इस बार भी धनतेरस से अन्नकूट तक भोर चार बजे से रात 11 बजे तक होंगे। मंदिर के प्रथम तल पर विराजमान स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन साल में इन चार दिनों में ही होते हैं। स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन के दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइड लाइन का पालन कराते हुए भक्तों को दरबार में प्रवेश दिया जा रहा। चारों दिन स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा का दर्शन भोर चार बजे से रात 11 बजे तक किया जा सकेगा। मंगलवार भोर से ही भक्तों की कतार लग गई थी।
भक्त मंदिर के प्रथम तल पर स्थित माता के दर्शन कर रहे हैं। गेट पर ही माता का खजाना और लावा वितरण भक्तों में किया जा रहा। केवल प्रथम दिन ही भक्त पीछे के रास्ते से राम मंदिर परिसर होते कालिका गली से निकास दिया जा रहा। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में जगह-जगह वालंटियर तैनात किए गए। थर्मल स्कैनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के बाद भक्तों को माता के दरबार में प्रवेश दिया गया। सुरक्षा के लिहाज से दो दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। वीआइपी के लिए शाम पांच से सात बजे तक विशेष द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। वृद्ध और दिव्यांगों के लिए दर्शन की सुगम व्यवस्था रहेगी।
551 क्विंटल मिष्ठान-पकवान का भोग लगाया जाएगा
देवाधिदेव महादेव के आंगन में विराजमान भगवती अन्नपूर्णेश्वरी को अबकी अन्नकूट पर 551 क्विंटल मिष्ठान-पकवान का भोग लगाया जाएगा। इसके लिए मंदिर की रसोई में 56 प्रकार के व्यंजन बनाए जा रहे हैैं। इसमें 75 कारीगर लगाए गए हैं। साथ ही परिसर को झालरों से सजा दिया गया है
मंदिर के प्रथम तल पर स्थित स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन हर बार की तरह इस बार भी धनतेरस से अन्नकूट तक भोर चार बजे से रात 11 बजे तक होंगे। इस बार धनतेरस दो नवंबर और अन्नकूट पांच नवंबर को है। पर्व विशेष पर अन्नपूर्णेश्वरी के गर्भगृह में 11 प्रकार के लड्डुओं से मंदिर बनाया जाएगा। पकवान -मिष्ठान में लड्डू, मगदल, बालूशाही, खुरमा, चंद्रकला, काजू बर्फी, काजू बिस्किट, बादाम बर्फी, अंजीर- बादाम व मूंग का हलुआ, काजू समेत पंचमेवा नमकीन बनाया जा रहा है। राजस्थान के अलवर से मोट मंगाया गया है।
इसके अलावा पांच प्रकार की दाल, सवा क्विंटल चावल, 16 प्रकार के पकौड़े समेत 56 प्रकार के व्यंजनों से भव्य सजावट की जाएगी। महंत शंकर पुरी ने बताया कि अन्नकूट झांकी के दर्शन मात्र से व्यक्ति को अन्न-धन की कमी नहीं होती। मध्याह्न भोग आरती के बाद भक्तों को प्रसाद ग्रहण कराया जाएगा। इसके अलावा बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, ढूंढिराज गणेश, साक्षी विनायक, विशालाक्षी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी अन्नकूट पर्व की तैयारी की जा रही है।