वाराणसी में देव दीपावली पर जलेंगे 12 लाख दीप
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अयोध्या में भव्य दीपोत्सव के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अब काशी में भव्य देव दीपावली महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। अभी दीपावली पर करीब 9.54 लाख दीपक जलाकर प्रदेश सरकार ने विश्व कीर्तिमान बनाया है। अब अपने ही कीर्तिमान को चुनौती देते हुए वाराणसी के गंगा घाटों पर देव दीपावली महोत्सव में इस बार 12 लाख दीये जलाए जलाने की तैयारी है। इसमें सात लाख दीये गंगा के घाटों पर तो पांच लाख दीये रेती पर जलाए जाएंगे। गत वर्ष करीब पांच लाख दीये जलाए गए थे।
पर्यटन विभाग के अधिकारी दिन-रात इसकी तैयारी में जुटे हैं। घाटों और कुंडों पर दीये जलाने की जिम्मेदारी 130 समितियों को दी गई है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए विशेष बजट भी जारी किया है। आयोजन को भव्य बनाने के लिए 17 नवंबर को समितियों को 12 लाख दीये और 21 हजार लीटर सरसों और तिल का तेल वितरित किया जाएगा। अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर गोबर से निर्मित दीये जलाए जाएंगे। इसके कई पर्यटन विभाग ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से दो लाख दीयों का आर्डर दिया है।
भव्य देव दीपावली महोत्सव के लिए बनारस सहित पड़ोसी जिले (चंदौली, जौनपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, गाजीपुर) के भी कुम्हारों को दीया का आर्डर दिया गया है। वाराणसी के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार देव दीपावली महोत्सव में 12 लाख दीये जलाए जाएंगे। 16 नवंबर को इस संबंध में पर्यटन मंत्री बैठक करेंगे, जिसमें आयोजन की अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी।
बता दें कि कार्तिक मास की अमावस्या के बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाने के लिए भूलोक पर आते हैं। देव दीपावली के दिन नदी तीर्थ पर दीपदान का बहुत महत्व है। यही कारण है कि लोग वाराणसी में गंगा तट पर पहुंचकर पुण्य की कामना लिए दीया जलाते हैं। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से सुख-समृद्धि के साथ लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल देव दीपावली 18 नवंबर को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे शुरू होती है और 19 नवंबर को दोपहर 2:26 बजे समाप्त हो रही है।