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CM योगी ने 1.80 करोड़ छात्रों के खाते में भेजे 19 अरब से ज्यादा रुपये, 60 लाख और बच्चों को मिलेगा पैसा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक स्कूल के छात्रों के खाते में डीबीटी व्यवस्था से 19. 80 अरब रुपये भेजे जाने की योजना शुरुआत की। इससे छात्रों के अभिभावक स्कूली ड्रेस, जूते-मोजे और बैग खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री  ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उनके शिक्षा दीक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि संस्कारहीन और शिष्टाचारविहीन शिक्षा देशद्रोहियों और राष्ट्रवादी में फर्क नही कर सकती है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने आवास  पर बेसिक  शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने अखिलेश द्वारा सरदार पटेल और जिन्ना का नाम एक साथ लिए जाने पर कहा कि शिक्षा के प्रारंभिक दौर में अभिभावक अगर बच्चों को उचित संस्कार नहीं दे पाते हैं तो उनके लिए देशप्रेमी और देशद्रोही जैसे फर्क करना मुश्किल होता है।

शिक्षक देखें कि बच्चे अब यूनीफार्म जूते मोजे में स्कूल आएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था का लाभ स्कूलों में पढ़ रहे एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगा। बाकी बचे 60 लाख छात्रों को भी जल्द ही रकम भेजी जाएगी। इस व्यवस्था के तहत हर छात्र के अभिभावक को 11 सौ रुपये दिए जा रहे हैं। डीबीटी तकनीक का प्रयोग करने से विभाग को भ्रष्टाचार के आरोपों से भी मुक्ति मिलेगी। अब शिक्षकों को यह तय करना होगा कि बच्चे इन पैसों से यूनीफार्म, जूते-मोजे और बैग-बुक्स के साथ स्कूल आएं। जो बच्चे इसका पालन न करें उनके अभिभावकों से संपर्क करके व्यवस्था को मजबूत करने का काम करें। बेसिक स्कूलों के छात्रों को सामान्य शिष्टाचार व साफ-सफाई को भी सिखाया जाए।  प्रदेश में छह लाख से अधिक शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र हैं, अगर यह जिम्मेदारी उठाएंगे तो यह सपना भी संभव हो सकता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह तय किया कि एक-एक विद्यालय को जनप्रतिनिधि गोद लें, जिससे बेसिक शिक्षा के छात्रों को स्वच्छ पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। इसके तहत अभी तक बेसिक शिक्षा के एक लाख 60 विद्यालयों में से एक लाख 33 हजार विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है।  सरकार ने यह तय कया कि अभिभावकों को सीधे पैसा दिया जाए, जिससे वह अच्छे कपड़े और जूते मोजे खरीद सकें और शिक्षा विभाग पर जो भ्रष्टाचार का आरोप लगता है उससे भी बचा जा सके।

ऐसे में 11 सौ रुपये एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में दी जा रही है। अभी लगभग 60 लाख बच्चे जो बचे हुए हैं उनके अभिभावकों के बैंक खातों की जांच कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही उनके भी खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह तय किया कि एक-एक विद्यालय को जनप्रतिनिधि गोद लें, जिससे बेसिक शिक्षा के छात्रों को स्वच्छ पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। इसके तहत अभी तक बेसिक शिक्षा के एक लाख 60 विद्यालयों में से एक लाख 33 हजार विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है।

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