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रेलवे स्टेशन पर आते ही कैमरे पहचान जाएंगे अपराधियों के चेहरे, लग रहें हैं फेशियल रिकग्निशन कैमरे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. आने वाले दिनों में यदि कोई अपराधी रेलवे स्टेशन पहुंचेगा तो वह एक कैमरे में कैद हो जाएगा। बेंगलुरू रेलवे स्टेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए फेशियल रिकग्निशन कैमरों को अब देश के ए-1 श्रेणी के स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से लगाया जाएगा। यह कैमरे मुंह ढककर आने वाले अपराधियों की पहचान कर आरपीएफ को अलर्ट करने में सक्षम है। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक संजय चंदर ने गुरुवार को जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी में निरीक्षण के दौरान यह जानकारी दी।

महानिदेशक ने बताया कि रेलवे में अपराध करने वाले अपराधियों का डाटा अब आनलाइन हो रहा है। देश के सभी आरपीएफ कंट्रोल रूम के अलावा जीआरपी और पुलिस कंट्रोल को भी इससे जोड़ा जाएगा। इससे अपराधियों को इन कैमरों से पकडऩा आसान हो जाएगा। यह भी कहा कि बदलते समय के साथ आरपीएफ को भी उन्नत तकनीक से लैस किया जा रहा है। 

सीमित संसाधनों के बीच यात्रियों के फीडबैक से आरपीएफ में सुधार हो रहा है। पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों में तस्करी जैसे अपराध को लेकर डीजी आरपीएफ ने कहा कि वहां बांग्लादेश की सीमा सटी हुई है। पिछले दिनों ही पश्चिम बंगाल जाकर वहां डीजीपी से मुलाकात कर रेल सुरक्षा के मामलों पर मंथन किया गया था।

हाल ही में मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में एक महिला से दुष्कर्म की घटना को लेकर डीजी ने कहा कि महिला यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आरपीएफ में नौ प्रतिशत महिला सिपाही हैं जो किसी भी आम्र्ड फोर्स में सबसे अधिक है। आरपीएफ एस्कार्ट वाली ट्रेनों का दायरा बढ़ाएगी। डीजी ने आरडीएसओ और रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली के अधिकारियों के साथ भी बैठक की। साथ ही जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी की वेबसाइट को भी लांच किया।

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