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असदुद्दीन ओवैसी की सभा को लेकर बखेड़ा, पुलिस ने उखाड़ा टैंट, धरना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की सभा को लेकर बखेड़ा हो गया। अनुमति नहीं मिलने पर हैदराबाद के पूर्व मेयर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नौचंदी थाने में धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि पुलिस अन्य राजनीति पार्टियों के दबाव में आकर सभा नहीं होने दी जा रही है। उधर, नौचंदी पुलिस ने अनुमति नहीं होने पर नौचंदी मैदान से टैंट उखाड़ दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ देर रात तक थाने में कैंप किए हुए हैं।

थाना परिसर में धरना

शनिवार को नौचंदी ग्राउंड में असदुद्दीन ओवैसी की सभा का आयोजन होना था। शहर भर में होर्डिंग तक लगा दिए है। देर रात तक भी पुलिस ने सभा की अनुमति नहीं दी। दरअसल, हैदराबाद के पूर्व मेयर मजीद हुसैन को सभा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सभा की अनुमति नहीं मिलने पर देर रात मजीद नौचंदी थाना परिसर में धरने पर बैठ गए। मजीद का कहना है कि राजनीति पार्टियों के दबाव में आकर पुलिस उनकी सभा को अनुमति नहीं दे रही है। पुलिस ने पहले बताया कि नौचंदी मैदान में कोई राजनीति सभा नहीं हुई है।

भीड़ रोकना पुलिस का काम

हमारी तरफ से 2017 में हुई औवेसी की सभा की अनुमति दिखा दी गई है। उसके बाद कहा गया कि कोविड के चलते सभा नहीं हो सकती। बाद में बताया कि 100 लोगों की अनुमित मांगी गई है, जबकि सभा में भीड़ अधिक आएगी। उस पर पुलिस को बताया गया कि भीड़ को रोकना पुलिस का काम है। हमारी तरफ से सिर्फ सौ लोगों को बुलाया गया है। मजीद ने कहा कि यदि अनुमति नहीं मिली तो पूरी रात थाने में धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि अनुमति भले ही नहीं मिलने उसके बाद भी ओवैसी मेरठ जरूर आएंगे। लोगों के घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा। उधर, बिना अनुमति मिले ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने सभा के लिए नौचंदी मैदान में टैंट लगाना शुरू कर दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर टैंट को हटवा दिया और टैंट लगाने वालों को मौके से भगा दिया गया।

नगर निगम से एनओसी नहीं

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि नौचंदी मैदान की एनओसी पार्टी कार्यकर्ता नहीं दे पाए है। न ही नगर निगम के पास एनओसी मिली है। इसलिए नौचंदी मैदान में सभा को अनुमति नहीं दी गई है। यदि अन्य स्थान पर पार्टी सभा आयोजित करना चाहे तो अनुमति लें। कानून व्यवस्था प्रभावित न हो। उसके देखकर ही अनुमति प्रदान की जाएगी।

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