पूर्वांचल भर में बांस और मिट्टी के पात्रों का बाजार हुआ गुलजार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. सूर्योपासना को लेकर मिट्टी और बांस से बने सामान का बाजार गुलजार हो गया।शहर के चौक मोहल्ले में मिट्टी का पात्र बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि पूजा से संबंधित सभी पात्र मिल जाते हैं। पहले यहां छठ पूजा करने वालों की संख्या नाम मात्र होती थी।
बाकी पात्र तो यहां मिल जाते थे, लेकिन कोसिया यहां नहीं बनता था। हमने बिहार से इसका नमूना मंगाया और उसके बाद से इसको तैयार कराने लगे। इस बार भी दो तरह की डिजाइन की कोसिया यहां उपलब्ध है। कटोरे की डिजाइन वाली कोसिया 25 रुपये तो घड़े के आकार वाली कोसिया 60 रुपये में बिक रही है।
बता दें कि कोसिया का प्रयोग छठ पूजा में मिन्नत के अनुसार किया जाता है। इस पात्र में चारों तरफ छह दीपक बने होते हैं। पात्र में प्रसाद भरने के बाद दीपक को जलाकर लोग मन्नत के अनुसार कोई जलधारा में छोड़ देता है तो कोई प्रसाद के रूप में घर ले आता है।
दूसरी ओर बांस के बने पात्र में ही रखकर प्रसाद अर्पित करने की परंपरा के कारण सूप और दउरा की दुकानें सज गई हैं। इस बार अभी सामान्य सूप 60, गोटेदार सूप 80, दउरी 160 और दउरा 250 रुपये में बिक रहा है, लेकिन इसका दाम अभी और बढ़ना तय है। चौक पर पूजा संबंधित सभी सामान बेचने वाले हैदर अली ने बताया कि हम कारीगरों से इन सामानों को खरीदकर बेचते हैं।
कारीगरों का तर्क है कि पहले बांस आसानी से मिल जाता था, लेकिन अब मुश्किल से मिल रहा है। शटरिंग का कारोबार करने वालों से बांस खरीदते हैं। यहां से फीट के हिसाब से दाम देकर खरीदा जाता है और एक बांस दो सौ रुपये तक का पड़ जाता है। परिवार का एक सदस्य दिन भर में बमुश्किल चार या पांच सूप ही तैयार कर पाता है। एेसे में मंगलवार से दाम और भी बढ़ सकता है।