शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ नहीं मिला साजिश का कोई सबूत - हाई कोर्ट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट, और मॉडल मुनमुन धमेचा के खिलाफ किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज शनिवार को जमानत के ऑर्डर की डिटेल कॉपी जारी कर दी है.
क्या है इस चार्टशीट में खास
अदालत ने कहा कि आर्यन खान के फोन से मिली Whatsapp चैट से यह भी पता चलता है कि उसमें ऐसा कुछ भी ऐसा आपत्तिजनक नहीं था, जिससे यह कहा जा सके कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर अपराध करने की साजिश रची है.
बयान नहीं है कोई टूल
इस चार्ट शीट में यह भी माना गया कि NDPS अधिनियम की धारा 67 के तहत NCB ने आर्यन खान का जो इकबालिया बयान दर्ज किया था, वो केवल जांच उद्देश्यों के लिए माना जा सकता है. इस बयान को किसी टूल की तरह यह साबित करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है कि आरोपी ने NDPS अधिनियम के तहत अपराध किया है.
जमानत की हैं 14 शर्त
इसमें आगे कहा कि इस समय यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि आवेदक व्यावसायिक रूप से अपराध का हिस्सा था. जमानत आर्डर में तूफान सिंह केरल सरकार के साथ उड़ीसा सरकार और महेन्द्र मिश्रा के आर्डर का भी उल्लेख किया गया है. जमानत की 14 शर्त रखी गई हैं.
जानें, क्या कहा हाई कोर्ट ने
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू साम्ब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्टूबर को आर्यन खान, उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट और एक फैशन माडल मुनमुन धमेचा को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। आदेश की विस्तृत प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई। अदालत ने कहा कि आर्यन खान के फोन से निकाले गए वाट्सएप चैट के अवलोकन से पता चलता है कि ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था जो यह बताता हो कि उसने, मर्चेंट और धमेचा ने मामले के अन्य आरोपितों के साथ मिलकर अपराध करने की साजिश रची है। हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत की शर्तों के अनुसार, उसे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर शुक्रवार को दक्षिण मुंबई में एनसीबी कार्यालय में पेश होना होगा और इसी तरह के अपराधों में शामिल नहीं होना चाहिए। आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा को भी देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
हाई कोर्ट ने यह भी माना कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत एनसीबी द्वारा दर्ज किए गए आर्यन खान के इकबालिया बयान को केवल जांच के उद्देश्यों के लिए माना जा सकता है। यह अनुमान लगाने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है कि आरोपितों ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध किया है। अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि इस अदालत को यह समझाने के लिए रिकार्ड पर शायद ही कोई सकारात्मक सबूत है कि सभी आरोपित व्यक्ति सामान्य इरादे से गैरकानूनी काम करने के लिए सहमत हैं। एक साथ विचार किया जाए बल्कि अब तक की गई जांच से पता चलता है कि आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट मुनमुन धमेचा से स्वतंत्र रूप से यात्रा कर रहे थे और कथित अपराध पर कोई मुलाकात नहीं हुई है। जस्टिस साम्ब्रे ने कहा कि अगर अभियोजन पक्ष के मामले पर भी विचार किया जाए तो ऐसे अपराध के लिए अधिकतम सजा एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आर्यन खान 30 अक्टूबर को आर्थर रोड जेल से बाहर चला गया था।