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20 हजार बिजली उपभोक्ताओं को थमाया रीडिंग डिफेक्ट बिल, बिलिंग एजेंसी की मनमानी का परिणाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर अपनी मनमानी कर रहे हैं। मौके पर जाकर रीडिंग लेने की बजाए घर या उपकेंद्रों पर बैठकर रीडिंग भर रहे हैं। यही वजह है कि सितंबर में लगभग 15 हजार उपभोक्ताओं को रीडिंग डिफेक्ट (आरडीएफ) श्रेणी का बिल मिला। मतलब बिल गलत बन गया और अनाप-शनाप बिल आने लगे। अब उपभोक्ता बिल सही कराने के लिए उपकेंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं।

एम सॉफ्ट कंपनी के पास बिल बनाने की जिम्मेदारी थी। कंपनी ने लगभग 1200 से अधिक रीडिंग करने के लिए कर्मचारी नियुक्त किए थे। एम सॉफ्ट कंपनी से बिजली विभाग का 31 अक्तूबर को करार समाप्त हो गया। एक नवंबर से स्टर्लिंग कंपनी बिल बनाने का काम शुरू कर चुकी है। बिलिंग एजेंसी पर बिजली विभाग ने तीन साल में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। सबसे अधिक जुर्माना वाराणसी जोन में लगाया गया था। इसके अलावा कई बार नोटिस भी जारी की गई थी।


आरडीएफ बिल सुधार करने का निर्देश जारी कर दिया गया है आरडीएफ बिल सुधार करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। बिलिंग एजेंसी से जुर्माना लगाया गया है। -देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, पुविविनिलि

बंगलुरू की एजेंसी बिजनेस कंसल्टिंग एंड आइटी सोल्यूशंस को बिल बनाने की जिम्मेदारी मिली है

बंगलुरू की एजेंसी बिजनेस कंसल्टिंग एंड आइटी सोल्यूशंस (बीसीआईटीएस) को बिल बनाने की जिम्मेदारी मिली है। शहर में दो लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। इनमें 55 हजार से ज्यादा के परिसर में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। एजेंसी के कर्मचारी घर-घर जाकर मीटर रीडिंग कर बिल बनाते हैं। पिछले साल से एजेंसी को प्रोब आधारित बिल बनाने के निर्देश दिए गए थे। इसमें एक उपकरण के माध्यम से मीटर रीडर अपनी हैंडहेल्ड मशीन को बिजली मीटर से जोड़ देते हैं। इससे मीटर की रीडिंग हैंडहेल्ड मशीन में दर्ज हो जाती है। इस प्रक्रिया में गलत बिल जारी होने की कोई संभावना नहीं होती है लेकिन ज्यादातर जगहों पर प्रोब आधारित बिलिंग नहीं हो रही है। मीटर रीडर घर बैठ कर बिल बना रहे हैं।

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