मुख्तार अंसारी के खिलाफ नहीं मिल रहे गवाह, जाने अब कैसे होगी गवाही
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा. 22 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मामले की विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए नीरज गौतम की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। मामले में अभियोजन की ओर से कोई गवाह पेश नहीं हुआ। जिन पुलिसकर्मियों को गवाही के लिए समन भेजे गए थे, उनकी वर्तमान तैनाती नहीं मिलने की वजह से उन पर तामील नहीं हो पाए। तत्कालीन थानाध्यक्ष जगदीशपुरा शिवशंकर शुक्ला व उपनिरीक्षक रुपेंद्र गौड़ को फिर से समन भेजे जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई दस नवंबर को होगी। वहीं मुख्तार की बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई।
अभियोजन की ओर से एडीजीसी शशि शर्मा ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि थाना जगदीशपुरा की आख्या के मुताबिक गवाहों की वर्तमान तैनाती का पता न चल पाने की वजह से गवाह उपस्थित नहीं हो सके हैं। इसलिए साक्ष्य के लिए अग्रिम तारीख देने का आग्रह किया। एडीजीसी ने बताया कि गवाहों की वर्तमानी तैनाती की जानकारी की जा रही है और फिर से समन भेजे जा रहे हैं। वहीं मुख्तार की बांदा जेल से पेशी के दौरान उनके अधिवक्ता डॉ. रवि अरोरा भी मौजूद रहे। वहीं पिछली तारीख पर अदालत ने प्रमुख सचिव गृह को मुख्तार के प्रार्थना पत्रों के प्रकाश में आवश्यक कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए थे। वहीं मुख्तार पर धोखाधड़ी के आरोप में आरोप तय हो चुके हैं।
एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि थाना जगदीशपुरा से प्रेषित आख्या के मुताबिक तत्कालीन थानाध्यक्ष जगदीशपुरा शिवशंकर शुक्ला का जनपद आगरा से फिरोजाबाद दो जुलाई 2020 को स्थानांतरण हुआ था। वहीं उपनिरीक्षक रुपेंद्र कुमार गौड़ का जनपद आगरा से बरेली चार मई 2005 को स्थानांतरण हो चुका है। अब इन दोनों की तैनाती किस जिले में है, इसकी जानकारी की जा रही है।
तत्कालीन डीएम, एसएसपी की होगी गवाही
तत्कालीन जिलाधिकारी आरके तिवारी इस समय प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। घटना के समय वह आगरा के जिलाधिकारी थे। उनके समेत दस गवाहों की गवाही होनी है। इसमें तत्कालीन एसएसपी सुबेश कुमार सिंह, एसपी सिटी डीसी मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके सक्सेना, एडीएम सिटी एके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट पीएन दुबे, वरिष्ठ अधीक्षक केदार नाथ, जेलर कुलदीप नारायण, थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला, उपनिरीक्षक रुपेंद्र गौड़ आदि की गवाही होनी है।
मोबाइल व बुलट फ्रूफ जैकेट हुई थी बरामद
बता दें कि विधायक मुख्तार अंसारी वर्ष 1999 में सेंट्रल जेल आगरा में बंद थे। 18 मार्च 1999 को तत्कालीन जिलाधिकारी आरके तिवारी और एसएसपी सुबेश कुमार सिंह ने निरीक्षण के दौरान उनकी बैरक की तलाशी ली थी। जिसमें मोबाइल और बुलट फ्रूफ जैकेट मिली थी। थाना जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ शिवशंकर शुक्ला ने थाने में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस द्वारा अंसारी के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई थी। वहीं पूर्व में मुख्तार द्वारा प्रस्तुत उन्मोचन प्रार्थना पत्र खारिज हो चुका है।