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दो लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता रंगे हाथ गिरफ्तार, ऐसा बिछाया जाल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. मेरठ में रिश्‍वतखोरी का मामला सामने आया है। विजिलेंस की टीम ने बिजली विभाग में तैनात अधीक्षण अभियंता ग्रामीण प्रथम को उसके कार्यालय से दो लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ धर दबोचा जिसके बाद विजिलेंस की टीम आरोपित अधीक्षण अभियंता को पकड़कर सिविल लाइन थाने ले आई और उससे पूछताछ की। अधीक्षण अभियंता ने बिजली लाइन शिफ्टिंग का रूटमैप के पेपर हैंडओवर लेने के एवज में कंपनी के निदेशक से बारह लाख रूपये की रिश्वत की डिमांड की थी।

पेपर हैंडओवर के बदले मांगी रकम

पुलिस ने पीड़ित कम्पनी के डायरेक्टर की तहरीर पर पकड़ गए आरोपित अधीक्षण अभियंता देवेंद्र पचौरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं रिश्वत लेते गिरफ्तार अधीक्षण अभियंता की जानकारी मिलते ही बिजली विभाग में हड़कंप मच गया। चंडीगढ़ की अरविन्द इलैक्ट्रानिक कम्पनी के डायरेक्टर कुलबीर साहनी ने बताया की उनके पास मुरादनगर से लेकर मोदीपुरम तक एनसीआरटीसी के प्रोजेक्ट रैपिड रेल को लेकर बिजली की लाइन का शिफ्टिंग का ठेका है जिसके चलते अधीक्षण अभियंता ग्रामीण प्रथम ने कुलबीर साहनी से लाइन शिफ्टिंग का रूटमैप के पेपर हैंडओवर लेने के एवज में उनसे बारह लाख रूपये की रिश्वत मांगी थी।

ऐसा बिछाया जाल

इस बात की उन्होंने विजिलेंस डिपार्टमेंट को शिकायत की, जिसके बाद विजिलेंस टीम ने पूरी प्लानिंग कर कुलबीर साहनी को बुला लिया और रिश्वत के लिए लाये गए दो लाख रूपये पर कैमिकल लगाकर कुलबीर साहनी को भेज दिया और जैसे ही कुलबीर साहनी ने अधीक्षण अभियंता के कार्यलय में उन्हें रिश्वत के रूपये दिए तभी विजिलेंस टीम ने उन्हें दबोच लिया टीम अभी आरोपित से पूछताछ कर रही है।

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