बेटी के लिए प्रिंसिपल ने आउट कराया पेपर, WhatsApp चैट तो मिटा दी लेकिन गैलरी में फोटो से फंस गए
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए रविवार को आयोजित परीक्षा में बेटी के लिए पेपर आउट कराने के आरोप में केएन काटजू इंटर कॉलेज कीडगंज के प्रधानाचार्य राम नारायण द्विवेदी और शिक्षक अशोक तिवारी को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ का दावा है कि राम नारायण द्विवेदी की बेटी आकांक्षा भारत स्काउट एवं गाइड इंटर कॉलेज में परीक्षा दे रही थी। राम नारायण द्विवेदी ने परीक्षा का पेपर अपने बेटे अनुग्रह उर्फ छोटू और बेटी को व्हाट्सएप पर भेज दिया था। इस मामले में इसी स्कूल के उप प्रधानाचार्य आकाश खरे, राम नारायण द्विवेदी का पुत्र अनुग्रह उर्फ छोटू, पुत्री आकांक्षा द्विवेदी और सॉल्वर वीरेन्द्र कुमार फरार हैं।
परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर खोलकर किया था वॉट्सऐप पर शेयर
सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पेपर आउट कराने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया गया। परीक्षा केंद्र से पेपर का फोटो लेकर भेजा और उसे तत्काल मिटा दिया। चैट हिस्ट्री साफ कर दी लेकिन एसटीएफ की जांच में फोटो गैलरी से मिल गई और आरोपी पकड़े गए। एसटीएफ ने मोबाइल में मिले कुल 36 स्क्रीन शॉट सुरक्षित किए। इनके मोबाइल जब्त किए गए हैं। इसकी लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराई जाएगी।
एसटीएफ ने बताया कि केएन काटजू के प्रधानाचार्य राम नारायण ने बेटी को पास कराने के लिए साजिश रची थी। इसी के तहत उन्होंने उप प्रधानाचार्य आकाश खरे को छुट्टी दी थी। रविवार सुबह 10 बजे से पेपर था। सुबह साढ़े नौ बजे पेपर का बंडल खोला गया। सहायक अध्यापक अशोक तिवारी ने पेपर खोलते ही मोबाइल से फोटो ली और 9:37 बजे दो लोगों को भेज दिया। इसके बाद चैट हिस्ट्री मिटा दी। पुलिस ने अशोक तिवारी के मोबाइल की जांच की तो मिटाने का प्रमाण मिला। लेकिन गैलरी में पेपर मिल गया। इसी आधार पर एसटीएफ ने सभी को आरोपित किया। हालांकि एसटीएफ जब तक कार्रवाई पूरी करती, पेपर का समय खत्म हो गया। इस कारण पुलिस प्रधानाचार्य के बेटे और बेटी को गिरफ्तार नहीं कर सकी।