परीक्षा में पास हुईं प्लास्टिक मिक्स सड़कें, अब प्रतिवर्ष 60 टन प्लास्टिक से बनेंगी सड़कें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. लगभग दो साल पहले तारकोल में प्लास्टिक मिक्स कर सड़कें बनाने का प्रयोग किया गया था। जिले में तीन सड़कें पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बनाई गई थीं। एक रुस्तमपुर, दूसरी सिकरीगंज व तीसरी सड़क गीडा में बनी थी। लगभग दो साल बाद भी ये तीनाें सड़कें पूरी तरह सुरक्षित व मजबूत हैं, जबकि बिना प्लास्टिक मिक्स किए बनाई गई सड़कें बरसात बाद ही पैचिंग के लायक हो जाती हैं।
इसे लेकर शासन ने अब प्रतिवर्ष 15 से 20 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण या मरम्मत में प्लास्टिक मिक्स करने का निर्देश दिया है। एक किलोमीटर सड़क में लगभग तीन टन प्लास्टिक लगता है। इस तरह प्रतिवर्ष 60 टन प्लास्टिक का निस्तारण सड़कें करेंगी।
अब सड़कों का सुरक्षा कवच बनेगा प्लास्टिक
अब प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरा नहीं बनेगा, उसका इस्तेमाल सड़कों के निर्माण में होगा। साथ ही प्लास्टिक मिक्स सड़क मजबूत भी ज्यादा होगी। पीडब्लूडी के अनुसार बिना प्लास्टिक मिक्स किए जो सड़क बनाई जाती है, उसकी अवधि चार साल की होती है, लेकिन पैचिंग की जरूरत तो साल भर बाद या हर बरसात के बाद पड़ती है। प्लास्टिक मिक्स सड़क में 'वाटर रेजिस्टेंट पावर' ज्यादा मिला है। यह सामान्य सड़क से दो साल ज्यादा चलेगी।
ऐसे मिक्स होगी प्लास्टिक
प्लास्टिक को मशीन में डालकर उसका बुरादा तैयार किया जाएगा। गिट्टी गर्म करने के बाद उसमें बुरादा मिला दिया जाएगा, जो गिट्टी में चिपक जाएगा। उस गिट्टी को सड़क पर बिछा दिया जाएगा और फिर तारकोल डाला जाएगा।
नहीं फैलेगा प्रदूषण
प्लास्टिक को जलाने पर उससे ऐसी गैसें निकलती हैं जो वातावरण को प्रदूषित करती हैं। इसलिए प्लास्टिक को सीधे आग के संपर्क में नहीं लाया जाएगा। उसके बुरादा को गर्म गिट्टी में मिलाया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी अब डामर वाली सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक का भी उपयोग करेगा। प्रतिवर्ष 15-20 किलोमीटर सड़क में यह प्रयोग करने का निर्देश मिला है। इससे एक तो पर्यावरण के समक्ष प्लास्टिक की वजह से आ रही चुनौती कम हो जाएगी, दूसरी तरफ सड़कें डेढ़ से दो गुना अधिक मजबूत होंगी। - राजेश कुमार, सहायक अभियंता, पीडब्लूडी