पूर्वांचल में अपना अभिनय का जलवा बिखेरेंगे मुकेश खन्ना, नीतीश भारद्वाज और राजपाल यादव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. बड़े-बड़े नाटक होंगे तो छोटे-छोटे नाटकों का मंच भी सजेगा। नुक्कड़ नाटकों से पूरा शहर गुलजार रहेगा। लोक कलाओं की प्रस्तुतियां पूर्वांचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराएंगी। यह सिलसिला एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे सात दिन चलेगा। यह सब होगा सात दिवसीय नाट्य कुंभ के जरिए, जिसका आयोजन 15 नवंबर से बाबा गोरक्षनाथ की नगरी में होने जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित इस नाट्य कुंभ में 100 से ज्यादा नाटकों की प्रस्तुति की जाएगी। मुकेश खन्ना, नीतीश भारद्धाज, राजपाल यादव, शेखर सेन, डा. चंद्रप्रकाश द्विवेदी जैसे कलाकारों की मौजूदगी इस कुंभ का आकर्षण होगी।
आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के तहत हो रहा आयोजन
नाट्य कुंभ केवल नाटकों तक ही सीमित नहीं रहेगा, इसमें राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसके लिए देश भर के नाट्य विशेषज्ञों, कलाकारों और इतिहासकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। सभी नाटक आजादी के आंदोलन के प्रसंगों पर आधारित होंगे। संगोष्ठी का विषय पर भी इसी पर आधारित होगा। नाटक और संगोष्ठी के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम का वास्तविक इतिहास लोगों को बताया जाएगा। नाटकों की प्रस्तुति राष्ट्र नाट्य विद्यालय दिल्ली, रांची और भारतेंदु नाट्य अकादमी के कलाकारों द्वारा की जाएगी। नाटकों का रिहर्सल शुरू हो चुका है। नाट्य कुंभ के आयोजन की जिम्मेदारी भारतेंदु नाट्य अकादमी को सौंपी गई है।
अकादमी के अध्यक्ष रवि शंकर खरे ने बताया कि रंगकर्म का यह मेला योगिराज बाबा गंभीनाथ प्रेक्षागृह के बन जाने की वजह से संभव हो पा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देन यह प्रेक्षागृह गोरखपुर के रंगकर्म को एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर चमकाएगा। कुंभ के लिए रंगकर्म के नामचीन कलाकारों और नाटककारों को आमंत्रित किया जा रहा है। अकादमी के कलाकारों की टीम कुंभ की तैयारी के लिए बहुत जल्द शहर में पहुंच रही है। प्रेक्षागृह को कुंभ के मुताबिक तैयार करने के लिए मशहूर आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख को आमंत्रित किया जाएगा।
हर दिन होगा एक बड़ा और एक छोटा नाटक
रवि शंकर खरे ने बताया कि नाट्यकुंभ में हर दिन एक बड़े और एक छोटे नाटक का मंचन किया जाएगा। बड़े नाटक के लिए प्रेक्षागृह के बड़े हाल और छोटे नाटक के लिए छोटे हाल का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी प्रेक्षागृह में सात दिन के दौरान 14 नाटकों का मंचन होगा। छोटा नाटक दोपहर में तो बड़ा नाटक शाम को होगा। बाकी का समय संगोष्ठी और लोक कलाओं की प्रस्तुति के लिए समर्पित होगा। नाटकों की एकल प्रस्तुतियों को भी इस दौरान अवसर दिया जाएगा।
शहर के विभिन्न स्थानों पर खेले जाएंगे 75 नुक्कड़ नाटक
नाट्य कुंभ में आजादी के 75वें वर्ष में शहर के विभिन्न स्थानों पर 75 नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके लिए स्थान चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कार्य पूरी तरह से कलाकारों की युवा टीम के जिम्मे होगा। टीम का चयन भी किया जा रहा है।
गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में एक से एक कलाकार हैं। नाट्य कुंभ के आयोजन से उन कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा और उनके लिए अपने घर में ही कला के जरिए रोजगार की व्यवस्था हो जाएगी। कुंभ को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार से भी इसके लिए मदद ली जा रही है। - रवि किशन शुक्ल्, सांसद, गोरखपुर।