गाजीपुर जिला जेल में लगाया विधिक जागरुकता शिविर - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत जिला कारागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कामायनी दूबे की ओर से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया। शिविर में बंदियों को बताया गया कि सीआरपीसी में एक नया अध्याय 21-ए जोड़ा गया था।
इसमें धारा 265-ए से 265-एल को नये रूप से जोड़ा गया और प्ली बारगेनिंग का विवरण दिया गया। प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है।” इस प्रक्रिया के तहत आरोपित अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौता के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपित अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपित की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।
सोमवार को जिला जेल में निरीक्षण के दौरान बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत व उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी। उनके यथोचित अधिकार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। जेलर ने बताया कि वर्तमान में कुल 1003 बंदी निरूद्ध हैं। इसमें 897 पुरुष, 41 महिला बंदियों के साथ कुल 1 बच्चा निरूद्ध है। वहीं 65 अल्पवयस्क हैं।
भोजन भी रूटीन से दिया जाता है। सचिव ने उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित विधि व्यवस्था अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के महत्वपूर्ण बिन्दू पर प्रकाश डाला। कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए।
सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि जेल में निरुद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस दौरान कारागार अधीक्षक हरिओम शर्मा, डिप्टी जेलर कमल चन्द्र, रविन्द्र यादव, डिप्टी जेलर व विधिक प्रकोष्ठ अधिवक्ता खुर्शीदा बानों आदि उपस्थित रहे।