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जख्म पर सरकार का मरहम, जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद से त्रस्त गैर-मुस्लिमों को 10 दिन की छुट्टी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में गैर मुस्लिमों पर बढ़े हमले से  एक बार फिर से घाटी में खौफ का माहौल बन गया है। कश्मीर में अब गैर मुस्लिमों को टारगेट कर आतंकी हत्याए कर रहे हैं। इसकी वजह से एक बार फिर से कश्मीरी पंडित और सिख समुदाय के लोग सहमे हुए हैं और पलायन को मजबूर हो रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने वाले आतंकी हमलों के मद्देनजर सरकार ने डर की छुट्टी करने को एक नया तरीका अपनाया है। गैर-मुस्लिमों के मन से आतंकियों के डर को दूर करने के लिए सरकार ने जख्म पर मरहम लगाते हुए उन्हें 10 दिनों की छुट्टी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित और अन्य सभी गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को शुक्रवार से लगातार 10 दिनों की आधिकारिक छुट्टी दी गई है। 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा कि कश्मीर में काम करने वाले गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को 10 दिनों की विशेष छुट्टी इसलिए दी गई है ताकि वे त्योहारों को मना सकें और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे आतंकी हमलों की वजह से जो डर है, उससे थोड़ी राहत पा सकें। प्रशासन की यह कोशिश है कि इस कदम से अल्पसंख्यक समुदाय के मन में बैठा डर कुछ हद तक कम होगा। 

दरअसल, ताजा आतंकी हमलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने के बाद यहां इस कदर खौफ पसर गया है कि कई परिवार जान बचाने के लिए जम्मू भाग आए हैं। इन कश्मीरी पंडितों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग की है। हमलों के खिलाफ जम्मू में कई जगह प्रदर्शन हुए। 

कश्मीर घाटी में 5 दिनों में ही आतंकवादियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी। इनमें से 4 अल्पसंख्यक समुदाय के थे और 6 हत्याएं ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुईं। बीते दिनों जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में हमला कर दिय़ा था और इस हमले में स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर की मौत हो गई है। दोनों ही गैर मुस्लिम थे।

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