लाखों कोल इंडिया के कर्मियों को मिलेगा 72500 रुपए का बोनस, भुगतान 11 अक्टूबर तक
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. कोल इंडिया के लगभग ढाई लाख कर्मियों (नन एग्जीक्यूटिव) को 72500 रुपए बोनस (परफॉर्मेंस लिंक्ड रिवार्ड) मिलेगा। 11 अक्तूबर तक बोनस का भुगतान हो जाएगा। बोनस मद में लगभग 1812 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। हालांकि अटेंडेंस के आधार पर भुगतान के कारण कुल राशि में कुछ कमी आती है। पिछले साल 68500 मिला था। पिछले साल से चार हजार ज्यादा इस बार भुगतान किया जाएगा। ठेका मजदूरों पर कोई चर्चा नहीं हुई। यूनियन नेताओं ने बताया कि एक्ट के अनुसार बोनस भुगतान के लिए मंगलवार को कोल इंडिया आदेश जारी करेगी।
दिल्ली में सोमवार को कोल इंडिया मानकीकरण समिति (स्टैंडर्डराइजेशन कमेटी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में प्रबंधन एवं यूनियन के नेता मौजूद थे। पिछले वर्ष कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों के कर्मियों को 68500 रुपए बोनस मिला था। इस वर्ष चार हजार रुपए अधिक भुगतान होगा। बोनस का सबसे ज्यादा पैसा झारखंड में करीब 750 करोड़ आएगा। मैनपावर पर कोल इंडिया की ओर से एक सितंबर को जारी नवीनतम आंकड़े के अनुसार झारखंड में लगभग 85 हजार कोयलाकर्मी हैं, जिन्हें बोनस मिलेगा।
बीसीसीएल, सीसीएल एवं सीएमपीडीआईएल के लगभग 80 हजार कर्मी तथा ईसीएल के तीन एरिया मुगमा, चितरा एवं राजमहल झारखंड में है। एक अप्रैल 2021 के बाद रिटायर होनेवाले कोयलाकर्मियों को भी बोनस मिलेगा। सीएमडी एनसीएल की अध्यक्षता में मानकीकरण समिति की बैठक हुई।
कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल,निदेशक वित्त समीरण.दत्ता,निदेशक कार्मिक विनय रंजन समेत बीसीसीएल के निदेशक कार्मिक पीवीकेआरएम राव समेत सभी अनुषंगी कंपनियों के निदेशक कार्मिक भी मौजूद थे। यूनियन नेताओं में बीएमएस से सुरेंद्र पांडेय और सुधीर घुरड़े, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय और एसके पांडेय, एटक से रमेंद्र कुमार तथा सीटू से डीडी रामानंदन बैठक में शामिल हुए।
जिच के बाद सहमति : बोनस तय करने को लेकर काफी देर तक जिच की स्थिति रही। अंतत: 9:38 बजे रात हस्ताक्षर हुआ। कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से पहले 70 हजार, फिर 71500 का ऑफर दिया गया। यूनियन नेताओं.ने 80,000 रुपए की मांग की। काफी बहस के बाद 72500 पर सहमति बनी।
एक दशक में कब कितना बोनस
वर्ष -----बोनस-----पिछले साल के मुकाबले वृद्धि
2011---21000---4000
2012---26000---5000
2013---31500---5500
2014---40000---8500
2015---48500---8500
2016---54000---5500
2017---57000---3000
2018---60500---3500
2019---64700---4200
2020---68500---3800
2021---72500---4000