Ghazipur News: ड्यूटी से घर जा रहे होमगार्ड रामजन्म यादव पर गिरा बिजली का तार, मौत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना क्षेत्र के कर्मजीतपुर गांव निवासी होमगार्ड रामजन्म यादव (42) की मंगलवार को ड्यूटी से घर जाते समय प्रवाहित हो रहे बिजली का तार ऊपर गिरने से मौत हो गई। इससे स्वजन में कोहराम मच गया। रामजन्म के पुत्र विकास ने बिजली विभाग के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। बिजली विभाग की लापरवाही से गई जान से लोग महकमे के प्रति आक्रोशित रहे।
रामजन्म यादव करंडा थाना में होमगार्ड के पद पर तैनात थे। सोमवार की रात मैनपुर बाजार में उसकी ड्यूटी लगी थी। मंगलवार की सुबह ड्यूटी समाप्त होने पर वह साइकिल से घर जा रहे थे। गांव के समीप पोल पर लगा जर्जर तार टूटकर उन पर गिर पड़ा। करेंट प्रवाहित होने से उनके प्राण पखेरू उड़ गए। सुबह टहलने निकले ग्रामीणों की नजर पड़ी तो उन्होंने ने परिवार के लोगों को सूचना दी। तार को लकड़ी से दूर कर लोग आनन-फानन में रामजन्म को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि कर दी। मौके पर पहुंचे रजादी चौकी प्रभारी सुरेंद्र नाथ सिंह ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थानाध्यक्ष सत्येंद्र राय ने बताया कि तहरीर मिली है। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
कच्ची है रामजन्म की गृहस्थी
रामजन्म होमगार्ड की ड्यूटी कर अपने परिवार को भरण-पोषण करते थे। उसके पास खेती-बारी भी बहुत कम है। अभी पूरी तरह से उनकी गृहस्थी कच्ची है। दोनों बेटियों कंचन (22) और आरती (18) में किसी की अभी शादी नहीं हुई है। (15) वर्षीय एक पुत्र भी है। मौत से टूट चुकी पत्नी श्यामप्यारी रोते-राते बेहोश हो जा रही थीं। पत्नी, पुत्र व पुत्रियों के करुण क्रंदन से वहां मौजूद लोगों के आंसू नहीं रुक रहे थे।
जर्जर तार से मौत निश्चित रूप से दुखद है। इन तारों के बदलने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, लेकिन एमडी कार्यालय से उसे रिजेक्ट कर दिया गया। सारे जर्जर तार को रिवैम्प योजना के तहत बदला जाएगा। यदि ऐसे में किसी की मौत हो जाती है तो विभाग की ओर से उसे पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा।-सीबी सिंह, अधीक्षण अभियंता।
ऐसे मिलता है मुआवजा
करेंट से होने वाली मौत पर पहले पीड़ित पक्ष को थाने में एफआइआर दर्ज करानी पड़ती है। इसके बाद इसकी जांच विद्युत सुरक्षा विभाग करता है। वह अपनी रिपोर्ट लगाकर विभाग में फाइल जमा कर देता है। इसके बाद उस फाइल को जिलाधिकारी कार्यालय में जमा करना पड़ता है। वहां से फाइल आते ही मृतक के परिजनों को मुआवजा की राशि दे दी जाती है।